ये कोरोना नहीं, तनातनी का असर है! चीन का US को सबसे बड़ा झटका

Update: 2020-05-11 15:06 GMT

चीन और अमेरिका के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. पिछले करीब तीन साल से दोनों के बीच जारी तल्खी ने अब असर दिखाना शुरू कर दिया है. कोरोना संकट के बीच एक आंकड़ा सामने आया है, जो दर्शाता है कि चीन से तनातनी की वजह से अमेरिका को व्यापारिक मोर्चे पर बड़ा नुकसान हुआ है. 

दरअसल, साल-2019 में अमेरिका में चीन का प्रत्यक्ष निवेश 2009 की आर्थिक मंदी के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया. हैरान करने वाली बात यह है कि यह गिरावट कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक व्यापार के बंद होने से पहले दर्ज की गई है. दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव और चीन सरकार के विदेश में निवेश पर कुछ प्रतिबंध लगाने के कारण अमेरिकी में बीजिंग का निवेश घटा है. 

अमेरिका-चीन संबंधों पर राष्ट्रीय समिति और रोडियम ग्रुप कंसल्टेंसी की सोमवार को आई रिपोर्ट में पाया गया कि अमेरिका में चीन का प्रत्यक्ष निवेश 2018 के 5.4 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2019 में 5 अरब डॉलर रह गया, जो 2009 की मंदी के बाद सबसे कम है.प्रत्यक्ष निवेश में विलय, अधिग्रहण और कार्यालयों या फैक्टरियों में निवेश शामिल हैं, लेकिन इसमें शेयरों या बॉन्ड की खरीद जैसे वित्तीय निवेश शामिल नहीं किए जाते हैं. 

 गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका अब चीन से चिढ़ा हुआ है. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर चीन पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. ट्रंप ने कोरोना वायरस को दुनिया में फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है. इस बीच अमेरिका अब चीन को सबक सिखाने की बात कर रहा है. चार महीने पहले जनवरी में हुए व्यापारिक समझौते को लेकर अमेरिका का रुख बदल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा कि वह दोनों देशों के बीच चार महीने पहले हुई इस डील को खत्म कर सकते हैं. 

फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस समय चीन से काफी नाराज हैं और अमेरिका-चीन ट्रेड डील को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है. यानी यह समझौता टूट सकता है. अगर ऐसा होता है तो फिर चीन-अमेरिका के साथ दुनिया भर के लिए यह एक बड़ा झटका होगा. 

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