ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने चेताया, 'अफगानिस्तान में तालिबान के आने से फिर बढ़ सकते हैं 9/11 जैसे आतंकी हमले'
ब्रिटेन ने पिछले दो दशकों में इस्लामी सोच से प्रेरित चरमपंथियों के कई हिंसक हमले देखे हैं।
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI-5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा और इसका मतलब है कि 9/11 जैसे आतंकी हमलों का डर बना हुआ है। मैक्कलम ने कहा कि अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान के कब्जे से आतंकियों का हौसला बढ़ेगा और इसलिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ब्रिटेन की पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पिछले चार साल में 31 आतंकी हमलों को नाकाम किया है। मैक्कलम ने कहा, ''अफगानिस्तान से बड़ी चिंता यह आ रही है तात्कालिक प्रेरक प्रभाव के साथ, आतंकवादियों के पुनर्गठित होने और अच्छी तरह से प्लान और ऊंचे दर्जे की साजिशों का हम सामना कर सकते हैं जैसा हमने 9/11 या उसके बाद देखा।''
उन्होंने कहा, ''रातोंरात यहां और दूसरे देशों में चरमपंथियों का मनोबल बढ़ा है। इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। प्रेरक आतंकवाद के लिए, जिसका पिछले 5-10 सालों में हमें सामना करना पड़ा है, साथ ही अलकायदा स्टाइल संभावित हमलों का भी खतरा है जो हमने कुछ सालों पहले आमतौर पर देखे।''
ब्रिटेन ने पिछले दो दशकों में इस्लामी सोच से प्रेरित चरमपंथियों के कई हिंसक हमले देखे हैं। देश में सबसे घातक आतंकी हमला सात जुलाई 2005 को हुआ था जब चार आत्मघाती हमलावरों ने लंदन में मेट्रो ट्रेनों और एक बस को निशाना बनाकर 52 यात्रियों की हत्या कर दी थी। हाल में हुए चाकू और वाहन हमले काफी हद तक इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकी समूहों से प्रेरित व्यक्तियों का काम है।
मैक्कलम ने कहा कि ब्रिटेन के अधिकारियों ने पिछले चार वर्षों में इस्लामी और धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों के हमला करने संबंधी 31 षड्यंत्रों को नाकाम किया है। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के 20 साल बाद ब्रिटेन अधिक सुरक्षित है या कम सुरक्षित है।