ताइवान पर चीनी हमला तैयार, जानिए- क्यों आमने-सामने हैं दो सुपर पावर?
चीन पहले ही कह चुका कि ताइवान में अमेरिकी हस्तक्षेप होता है तो उसकी सेना खामोश नहीं बैठेगी?
अमेरिकी सीनेट की स्पीकर चीन की धमकी के बावजूद ताइवान पहुंच गई हैं और दुनिया चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है। चीन ने अमेरिका को पिछले एक हफ्ते में दो बार धमकी दी है कि यदि ताइवान से अमेरिका ने संबंध रखें तो यह आग से खेलने जैसा होगा और इस आग से जो खेलेगा वही इस में झुलस जाएगा। पहले यह लग रहा था कि अमेरिका ताइवान के मामले में एहतियात बरतेगा लेकिन अमेरिकी स्पीकर ने ताइवान पहुंचकर चीन को अचंभित करने की कोशिश की है। अब इसके पीछे अमरीकी योजनाकारों का क्या मंसूबा हो सकता है इसका अनुमान लगाना बहुत मुश्किल हो रहा है।
बताया यह जा रहा है कि जैसे रूस को यूक्रेन में उलझाया गया है इसी तरह चीन को भी ताइवान में उलझा कर कमजोर करने की कोशिश अमेरिका की तरफ से की गई है। दुनिया में विशेषज्ञों का कहना यह है अमेरिका की फिलहाल स्थिति ऐसी नहीं है कोई ऐसी लंबी लड़ाई किसी से छिड़वा कर खुद भी उसमें शामिल हो।
अब देखना यह है चीन की प्रतिक्रिया किस रूप में सामने आती है। वैसे तो चीन पहले ही कह चुका कि ताइवान में अमेरिकी हस्तक्षेप होता है तो उसकी सेना खामोश नहीं बैठेगी। उम्मीद की जा रही है कि चीन कल सुबह ताइवान में सैनिक कार्रवाई शुरू कर देगा इससे इस क्षेत्र में भी एक लंबी लड़ाई चलने का अंदाजा लगाया जा रहा है। अभी चीन की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है क्योंकि अभी वहां रात का समय है अब सुबह का इंतजार करना होगा या फिर चीन क्या करना चाहता।
भारत की प्रतिक्रिया भी इस मौके पर बहुत अहम होगी क्योंकि हो सकता है कि अमेरिका भारत पर दबाव डाले कि वह चीन ताइवान युद्ध में ताइवान किस सैनिक मदद करें क्योंकि भारत और अमेरिका के संबंध फिलहाल अच्छे हैं और अमेरिका यह उम्मीद रखता है कि चीन के विरुद्ध भारत उसका अच्छा मददगार साबित होगा इसलिए इन हालात में भारत की प्रतिक्रिया भी विशेष महत्व रख।है वैसे तो उम्मीद नहीं है कि भारत सरकार किसी युद्ध का जोखिम उठाए बल्कि नपी तुली प्रतिक्रिया देकर खुद को बचाए रखना ही अकलमंदी होगा।