कोरोना संकट: दवा मिलने पर ट्रंप ने बांधे तारीफों के पुल, कहा- थैंक्यू मोदी, भारत की मदद को अमेरिका याद रखेगा
ट्रंप ने भारत की ओर से कोरोना के इलाज में कारगर माने जा रहे मेलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद कहा कि अमेरिका इस मदद को कभी नहीं भुला पाएगा
कोरोना वायरस के कहर के बीच कोविड-19 महामारी संकट से जूझ रहे अमेरिका को भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को मंजूरी दे दी है। भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदले नजर आए और उन्होंने जमकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। ट्रंप ने भारत की ओर से कोरोना के इलाज में कारगर माने जा रहे मेलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद कहा कि अमेरिका इस मदद को कभी नहीं भुला पाएगा। उन्होंने भारत, भारत के लोगों और पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 'डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे अनुरोध को मंजूरी दी। वह बड़े दिल वाले हैं। हम इस मदद को हमेशा याद रखेंगे।'
Extraordinary times require even closer cooperation between friends. Thank you India and the Indian people for the decision on HCQ. Will not be forgotten! Thank you Prime Minister @NarendraModi for your strong leadership in helping not just India, but humanity, in this fight!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 8, 2020
उन्होंने आगे कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में दोस्तों के बीच करीबी सहयोग की जरूरत होती है। हम हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसले के लिए भारत और भारत के लोगों का धन्यवाद करते हैं। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया करते हुए कहा कि आपके मजबूत नेतृत्व से न सिर्फ भारत को बल्कि इस चुनौती से लड़ रही मानवता को मदद मिलेगी।
दवा सप्लाई नहीं करने पर करेंगे जवाबी कार्रवाई
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को संबोधित कर कहा था कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा सप्लाई करता है तो ठीक, वरना हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्होंने हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई को अनुमति दे दी है, जिसकी हम सराहना करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि तो वह एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं। मगर हम इस पर जवाबी कार्रवाई करेंगे। आखिर हम इसका जवाब क्यों नहीं देंगे।
भारत ने क्या दिया था जवाब
दरअसल, कोरोना संकट से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने के आग्रह पर भारत ने कहा था कि एक जिम्मेदार देश होने के नाते हमसे जितना हो सकेगा, हम मदद करेंगे। भारत ने अमेरिका को स्पष्ट तौर पर बताया कि हम अपने 1.30 अरब आबादी को कोरोना वायरस महामारी से सुरक्षित करने के बाद ही कोरोना वायरस के मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के रोगनिरोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करेंगे। दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।