कोरोना वायरस से जंग में पाकिस्तान को मिला अमेरिका का साथ, Pak को Us से मिली 80 लाख डॉलर की मदद
पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर देने के लिए आईएमएफ ने भी दी मंजूरी दी है?
इस्लामाबाद। अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह 80 लाख डॉलर से अधिक के नये योगदान से पाकिस्तान को कोरोना वायरस के खिलाफ उसकी लड़ाई में सहयोग कर रहा है। यहां अमेरिकी दूतावास ने कहा कि राजदूत पॉल जॉंस ने सरकार के साथ नये तरीकों पर चर्चा की है और अमेरिका कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के साथ साझेदारी कर रहा है।पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 7000 से अधिक मामले सामने आये हैं जिनमें से 130 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है।
अमेरिकी मिशन ने एक वीडियो संदेश में कहा,''आठ लाख डॉलर से अधिक के योगदान के सहयोग से अमेरिका पाकिस्तान में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने एवं संक्रमित लोगों की देखभाल करने के लिए यहां की सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।'' इस धनराशि का उपयोग तीन नई चलती-फिरती प्रयोशालाओं की स्थापना, इस्लामाबाद, सिंध, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आपात ऑपरेशन सेंटर आदि कार्यों के लिए किया जाएगा। इन प्रयोगशालाओं से वायरस के हॉटस्पॉट में रहने वाले पाकिस्तानियों का परीक्षण, उपचार एवं उनकी निगरानी की जा सकेगी।
पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर देने के लिए आईएमएफ ने दी मंजूरी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों को देखते हुये भुगतान संतुलन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को 1.386 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता जारी करने को मंजूरी दे दी।
आईएमएफ ने यह फैसला पाकिस्तान के अनुरोध पर किया, जो भुगतान संतुलन संबंधी कठिन संकट से गुजर रहा है। यह राशि छह अरब डॉलर के उस राहत पैकेज के अतिरिक्त होगी, जिसके लिए इस्लामाबाद ने पिछले साल जुलाई में आईएमएफ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
आईएमएफ के प्रथम उप प्रबंध निदेशक और कार्यकारी अध्यक्ष जैफ्री ओकामोटो ने कहा, ''कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर काफी असर हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के साथ ही घरेलू अवरोधों से वृद्धि बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिससे बाहरी वित्तपोषण भी प्रभावित हुआ है। इस कारण तत्काल भुगतान संतुलन को पूरा करने की जरूरत है। ओकामोटो ने कहा कि अधिकारियों ने मौजूदा विस्तारित निधि सुविधा में सुधारों की प्रतिबद्धता को नया रूप दिया है, जो लचीलापन लाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इससे पाकिस्तान की वृद्धि संबंधी क्षमताएं बढ़ेंगी और सभी पाकिस्तानियों को इसका फायदा मिलेगा।