21 परियोजनाओं द्वारा करीबन 32 हजार किसान लाभांवित और करीबन 7,500 नए रोजगार का सृजन : आज़ादी का अमृत महोत्सव

आज़ादी का अमृत महोत्सव’ की एक अहम कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बीते सप्ताह 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 तक ‘फूड प्रोसेसिंग सप्ताह’ का आयोजन किया गया

Update: 2021-09-13 14:06 GMT

पीआईबी, नई दिल्ली: जश्न-ए-आज़ादी के 75 सालों का उत्साह पूरा देश एक साथ मना रहा है, जिसे "आज़ादी का अमृत महोत्सव" का नाम दिया गया है, - एक ऐसा महोत्सव जिसके तहत देश के हर क्षेत्र, हर राज्य, हर विभाग द्वारा किसी न किसी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जो देश के इतिहास में चलने वाला सबसे लंबा और सबसे ज्यादा लोगों के साथ मनाएं जाने वाला एकमात्र उत्सव होगा, प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने लोगों से 75 सप्ताह तक इस महोत्सव को मनाने का आग्रह किया है। जिसका उद्देश्य देश को विकास के पथ पर अग्रसर करना है और देश की जनता को लाभ पहुंचाना है।

'आज़ादी का अमृत महोत्सव' की एक अहम कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बीते सप्ताह 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 तक 'फूड प्रोसेसिंग सप्ताह' का आयोजन किया गया।

'फूड प्रोसेसिंग सप्ताह' के दौरान केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा कृषि से बाजार तक मूल्य श्रृंखला के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए आधुनिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 21 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत 416.59 करोड़ रूपये है। मंत्रालय द्वारा इन सभी को 104.21 करोड़ रूपयों की अनुदान सहायता दी गई है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का हमेशा से यह उद्देश्य रहा है कि देश के हर वर्ग को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाएं, जिसके तहत इस सप्ताह जिन परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ उनसे न केवल इस क्षेत्र के उद्यमियों को लाभ मिलेगा अपितु स्थापित परियोजनाओं के आस-पास के इलाकों किसानों को भी लाभ मिलेगा और युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर मिलेगें- जहां एक तरफ इन 21 परियोजनाओं द्वारा 32,300 किसान लाभांवित होगें तो वहीं दूसरी ओर करीबन 7,580 नए रोजगार का सृजन भी होगा और यही नहीं, इन परियोजनाओं द्वारा उपभोक्ताओं को भी मुनाफा होगा।

बीते साल कोरोना महामारी के दौर में जब कई बड़े देश आर्थिक रूप से जुझ रहे थे उस समय भारत सरकार अपने देशवासियों के लिए विकास कार्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कई महत्वकांक्षी योजनाओं को शुरू किया गया, जो देश की जनता के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहे है, उसी कड़ी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा पी.एम.एफ.एम.ई योजना की शुरूआत भी की गई, जो खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सूक्ष्म और असंगठित उद्यमियों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है ।

इसी योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा गत सप्ताह हर दिन विभिन्न राज्यों में प्रसंस्करण क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सीड कैपिटल के रूप में सहायता राशि प्रदान की गई। यह राशि उनके उद्यम को मजबूती प्रदान करने और अपने उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदान की गई है। पूरे सप्ताह ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, असम, मेघालय, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के स्वयं सहायता समूहों के 4709 सदस्यों को 13.4155 करोड़ रूपयों की सहायता राशि सीड कैपिटल के तौर पर प्रदान की गई।

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