राहुल की तरफ से राष्ट्रपति को 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर सौंपने को कृषि मंत्री ने बताया फर्जी, दिया बड़ा बयान

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपा।

Update: 2020-12-24 12:30 GMT

नई दिल्ली : कृषि कानूनों पर घमासान जारी है। केंद्र के नए कृषि कानूनो के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान पिछले 29 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हैं। अब इन किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सड़क पर उतर चुके हैं।

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने आज एक मार्च निकाला। राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने आज यानी 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपा। इसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया गया है।

कृषि मंत्री ने उठाये सवाल?

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी जो भी कहते हैं कांग्रेस भी उसे गंभीरता से नहीं लेती है। आज जब वे हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति के पास अपना विरोध दर्ज कराने गए, तो इन किसानों ने मुझसे कहा कि कांग्रेस से कोई भी उनके पास अपना हस्ताक्षर लेने नहीं आया। अगर राहुल गांधी इतने चिंतित होते, तो जब उनकी सरकार सत्ता में थी तो किसानों के लिए कुछ कर सकते थे। कांग्रेस का चरित्र हमेशा किसान विरोधी रहा है। 

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन मैंने एक बार भी नहीं सुना कि कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों से मिले और दो करोड़ किसानों से मिल लिये, हस्ताक्षर ले आए? कांग्रेस का पिछले दिनों दो लाख लोगों से भी संपर्क नहीं हुआ है, फिर भी दो करोड़ का आंकड़ा दे दिया।

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राहुल जी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहें। उन्होंने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर हम सत्ता में आए तो ये 3 बिल ले आएंगे और किसान को आजादी दिलाने के लिए APMC एक्ट से मुक्त करेंगे। वे किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपना निशाना साधना चाह रहे हैं।

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