Bharat Ratna News: पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान

Bharat Ratna News: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन भारत रत्न दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि इन तीनों लोगों को भारत रत्न दिया जाएगा।

Update: 2024-02-09 07:30 GMT

Bharat Ratna News: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन भारत रत्न दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि इन तीनों लोगों को भारत रत्न दिया जाएगा। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, "हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।"

वहीं पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, "एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव गरू ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।"

पीएम मोदी ने कहा कि प्रधान मंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।

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