देश की छवि 'अल्पसंख्यक विरोधी' बनी तो भारतीय कंपनियों को होगा नुकसान, पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन की चेतावनी

राजन ने कहा, "अगर हमें लोकतंत्र के रूप में अपने सभी नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हुए देखा जाए, तो हम बहुत अधिक सहानुभूतिपूर्ण हो जाते हैं..!!

Update: 2022-04-22 05:13 GMT

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम (Raghuram Rajan Former Governor of the Reserve Bank of India) राजन ने आगाह किया है कि देश के लिए 'अल्पसंख्यक विरोधी' छवि भारतीय प्रोडक्ट्स के लिए बाजार को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके चलते विदेशी सरकारें राष्ट्र को अविश्वसनीय साथी मान सकती हैं। शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर ने लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी साख की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत मजबूत स्थिति से धारणा की लड़ाई में प्रवेश कर रहा है, जिसमें हमें ही नुकसान होगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजन ने कहा, "अगर हमें लोकतंत्र के रूप में अपने सभी नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हुए देखा जाए, तो हम बहुत अधिक सहानुभूतिपूर्ण हो जाते हैं। (उपभोक्ता कहते हैं) मैं इस देश से सामान खरीद रहा हूं, जो सही काम करने की कोशिश कर रहा है, जिससे हमारे बाजार बढ़ते हैं।"

अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव से बनती है छवि

RBI के पूर्व गवर्नर ने कहा कि यह केवल उपभोक्ता नहीं हैं जो इस तरह के विकल्प चुनते हैं कि किसको संरक्षण देना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में गर्मजोशी भी इस तरह की धारणाओं को तय करती है। सरकारें इस आधार पर निर्णय लेती हैं कि कोई देश "विश्वसनीय भागीदार" है या नहीं। यह अपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसे पेश आता है।

राजन ने कहा कि चीन उइगरों और कुछ हद तक तिब्बतियों को लेकर भी इस तरह की छवि समस्याओं का सामना कर रहा है, जबकि यूक्रेन को भारी समर्थन मिला है क्योंकि राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो लोकतांत्रिक विचारों की रक्षा के लिए खड़ा होता है, जिस पर दुनिया विश्वास करती है।

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