2024 चुनाव के लिए BJP का नया नारा!: तीसरी बार मोदी सरकार अबकी बार 400 पार, जानिए- कैसे?

भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती है कि इन राज्यों में अपनी सीट न सिर्फ बरकरार रखे बल्कि इसकी संख्या में इजाफा भी करे। 11 राज्यों में सीटों की बढ़ने की गुंजाइश कम ही है। विधानसभा चुनावों के इफेक्ट का आकलन करें तो यूपी और बिहार में ही बीजेपी अधिकतम सीटें जीत सकती है।

Update: 2024-01-02 13:39 GMT

नई दिल्ली : तीन राज्यों में भारी जीत के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए नारा गढ़ लिया है, अगली बार 400 पार। बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के चुनावी मुद्दों का जिस तरह तीन राज्यों में दम निकला है, उसका फायदा हिंदी भाषी अन्य राज्यों में हो सकता है।

लोकसभा चुनाव में करीब पांच महीने बाकी हैं। जिन तीन राज्यों में बीजेपी ने परचम लहराया है, उसमें 65 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से अभी बीजेपी के पास 61 सीटें हैं। हिंदी भाषी प्रदेश बिहार, यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 193 सीटें हैं। इन राज्यों में 177 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती है कि इन राज्यों में अपनी सीट न सिर्फ बरकरार रखे बल्कि इसकी संख्या में इजाफा भी करे। 11 राज्यों में सीटों की बढ़ने की गुंजाइश कम ही है। विधानसभा चुनावों के इफेक्ट का आकलन करें तो यूपी और बिहार में ही बीजेपी अधिकतम सीटें जीत सकती है। मगर पूर्ण बहुमत के लिए पार्टी को बंगाल, असम, महाराष्ट्र और गुजरात में भी 2019 का प्रदर्शन दोहराना होगा। 2019 के चुनाव में बंगाल में बीजेपी को 18, महाराष्ट्र में 23 और गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत मिली थी।

303 सीटों पर जल्द सीट शेयरिंग फॉर्मूला लागू होगा, जिसमें बीजेपी के पास 154 सीटें है जबकि उसके सहयोगी जदयू और शिवसेना के पास 37 सीटें है तो एनडीए के पास 191 सीटें थी। बिहार में जदयू के साथ लड़ी , महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ लड़ी 88 सीटों में 18 जदयू और शिवसेना 19 सीटें जीती थी। जबकि यूपी में 62 और बंगाल में 18 सीटें जीती थी अगर INDIA गठबंधन इन राज्यों में पंजाब 13, दिल्ली 7, यूपी 80 , बिहार 40 , बंगाल 42, झारखंड 14, केरल 20, तमिलनाडु 39, महाराष्ट्र 48 में 200 सीटें जीत जाता है तो फिर सरकार बनाना आसान हो जाएगा, क्योंकि फिर 240 सीटों में से 100 सीटें जितनी है। अभी इंडिया गठबंधन के पास 149 सीटें है केवल पचास सीटों की लड़ाई है। 

2024 में 400+ की राह बीजेपी के लिए आसान नहीं है

पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे के सहारे मैदान में उतरी है। इस कारण लगातार दो बार पूर्ण बहुमत भी मिला। मगर मोदी लहर के बावजूद कई बड़े राज्य ऐसे हैं, जहां बीजेपी का खाता भी नहीं खुला। बीजेपी कश्मीर से बिहार तक अगर उत्तर भारत की सभी सीटें जीत जाती हैं तो उसे 245 सीटें मिलेंगी। ऐसा चमत्कार भारत की राजनीति में संभव नहीं है। 400 का आंकड़ा पार करने के लिए पार्टी को केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश में भी 10-10 सीटों की जरूरत होगी, जो आसान टास्क नहीं है। इन राज्यों की कुल 118 सीटों में से बीजेपी के पास सिर्फ चार सीटें हैं, जो तेलंगाना में मिली थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कर्नाटक में भी चुनौती मिल सकती है। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने 28 में 25 सीटें दक्षिण भारत के राज्य में जीती थीं। इस बार पार्टी ने जेडी एस के साथ चुनावी समझौता किया है। समझौते के कारण बीजेपी को 4 सीटें जेडी-एस को देनी होगी। यानी उसे उम्दा प्रदर्शन के लिए अपने खाते की सभी 24 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी, जो आसान नहीं है। कर्नाटक की सत्ता बदलने के बाद राज्य की राजनीति में कांग्रेस की दखल बढ़ी है। इसके अलावा बिहार में भी महागठबंधन में शामिल आरजेडी और जेडी यू भी दम रखती है। वहां बीजेपी के लिए खुद की सीटों का बढ़ाना भी चुनौती है। 2014 के चुनाव में बीजेपी अपने दम पर सर्वाधिक 22 सीट ही जीत सकी थी।

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कितनी सीटें जीतनी होगी


राज्यकुल सीटबीजेपी (2019)2024 में जरूरी
उत्तर प्रदेश806272 (+10)
महाराष्ट्र482340 (+17)
बिहार401735 (+17)
आन्ध्र प्रदेश250(+10)
तमिल नाडु390(+10)
पश्चिम बंगाल421830 (+12)
मध्य प्रदेश292829 (+1)
कर्नाटक282522
गुजरात262626
राजस्थान252425 (+1)
उड़ीसा21815 (+7)
केरल200(+10)
तेलंगाना1748
असम14912(+3)
झारखण्ड141112 (+1)
पंजाब1322
छत्तीसगढ़11911 (+2)
हरियाणा101010
दिल्ली777
जम्मू और कश्मीर533
उत्तराखण्ड555
हिमाचल प्रदेश444
अरुणाचल प्रदेश222
गोवा212 (+1)
त्रिपुरा222
मणिपुर211
मेघालय201
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह100
चण्डीगढ़111
लद्दाख111
दादर और नागर हवेली,दमन व दीव211
नागालैण्ड101
पॉण्डिचेरी101
मिज़ोरम101
लक्षद्वीप101
सिक्किम101

पूर्वी भारत में सीटें कम, मगर बीजेपी के लिए चैलेंज ज्यादा है

बीजेपी के पास ओडिशा से केवल आठ लोकसभा सांसद हैं, जबकि बीजेडी के पास 20 सीटें हैं। इस पूर्वी राज्य में भी बीजेपी के लिए विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, मगर नवीन पटनायक की छवि के सामने ज्यादा उम्मीद करना आसान नहीं है। सपने पूरे करने के लिए बंगाल में भी बीजेपी को अपने पुराने रेकॉर्ड 19 सीटों से आगे बढ़ने की जरूरत होगी। आंध्रप्रदेश, केरल और तमिलनाडु में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। वहां पहले एनडीए पार्टनर एआईडीएमके बिदक चुकी है। पूर्वोत्तर के राज्यों की कुल 25 लोकसभा सीटों में से अभी तक बीजेपी 11 क्षेत्रों में काबिज है। रीजनल पार्टियों की मजबूत मौजूदगी के कारण यह देखना होगा कि बीजेपी कितनी सीटें हासिल करती है। 400 का आंकड़ा पार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को सभी 25 सीटें जीतनी होंगी। इसके अलावा बीजेपी को खुद गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीटों को विपक्ष के हाथों में जाने से बचाना होगा।

पंजाब और हिमाचल में भी बदल गए हैं समीकरण

2024 से पहले भाजपा को कई चुनौतियों से गुजरना है। पंजाब में उसका आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ शिरोमणि अकाली दल से भी मुकाबला होगा। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार चुनाव होंगे। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आ चुकी है। कर्नाटक बीजेपी के हाथ से जा चुका है। बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन टूट चुका है। नए सहयोगी की ताकत पूरे राज्य में नहीं है। महाराष्ट्र में सहयोगी बदल चुके हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी ने एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना ( शिंदे गुट) के साथ मिलकर चुनाव में उतरेगी। 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी को सहयोगियों के साथ सीटें शेयर करनी होंगी। यूपी में भी बीजेपी ने नए सहयोगी चुने हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं। 2024 के चुनाव में वह दस फीसदी सीटें भी बढ़ा लेती है तो माना जाएगा कि मोदी मैजिक चल चुका है। इसके लिए बीजेपी को कर्नाटक के अलावा दक्षिण भारत के राज्यों में 70 सीटें हासिल करनी होगी।


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