पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 75 नए मामले और 4 मौतें, अब तक कोविड-19 के 724 कंफर्म केस: स्वास्थय मंत्रालय
कोरोना महामारी से महाराष्ट्र में चार, गुजरात में तीन, कनार्टक में दो, दिल्ली, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस 'कोविड-19' संक्रमण के 75 नए मामले सामने आए हैं और चार मरीजों की मौत हुई हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण से देश भर में अब तक 17 लोगों की मौत हुई है। केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अभी तक सबसे अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। कोरोना महामारी से महाराष्ट्र में चार, गुजरात में तीन, कनार्टक में दो, दिल्ली, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार (27 मार्च) को नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कोरोना महामारी की ताजा स्थिति के बारे में कहा कि इस बीमारी की से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 17 हो गई है और जितने भी मरीजों की मौत हुई उनमें ज्यादातर में मधुमेह, दिल की बीमारियों, उच्च रक्त चाप और अन्य बीमारियां थी और उनकी उम्र भी अधिक थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान कमी को ध्यान में रखते हुए सरकारी बीईएल को 30,000 वेंटिलेटर बनाने को कहा गया है।
Till now 724 #COVID19 cases have been confirmed, total deaths stand at 17. In the last 24 hours, 75 new positive cases & 4 deaths have been reported: Lav Aggarwal, Joint Secretary, Union Health Ministry pic.twitter.com/IhM8ogJGpc
— ANI (@ANI) March 27, 2020
उन्होंने कहा कि इस समय सरकार का ध्यान कोरोना वायरस मरीजों के बेहतर इलाज, विदेशों से आए मरीजों के क्वारंटाइन का पूरी तरह पालन कराने और इनके संपर्क में आए लोगों की निगरानी करना है तथा इसके बेहतर नतीजे भी दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के आग्रह पर विभिन्न राज्यों ने कोरोना वायरस समर्पित अस्पतालों को बनाने का काम पूरा कर लिया है और अन्य राज्य तथा संघ शासित प्रदेश भी इसी तरह की तैयारियों में लगे हैं।
अभी तक 17 राज्यों में अस्पतालों का काम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाना बहुत अच्छा कदम साबित हो सकता है और अगर लॉकडाउन के दौरान इसका पूरी तरह पालन कर लिया जाता है जो इस बीमारी के विषाणु के प्रसार की चेन को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
अग्रवाल ने कहा कि सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के जरिए इस संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है, लेकिन यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी भी है क्योंकि एक व्यक्ति की लापरवाही से सरकार के सारे प्रयास विफल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की जो घोषणा की गई है उसका सभी को पालन करना होगा और पूरे समाज की जिम्मेदारी है और इस हालत में किसी एक नागरिक की गलती सबके लिए काफी गंभीर हो सकती है।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं और सेवा उत्पादन, आपूर्ति और उनके वितरण को सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है और आज गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस मसले पर बातचीत कर लोगों को हो रही समस्या का जायजा लिया। उनके अलावा कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों से दिशानिदेर्शों के पालन की जानकारी हासिल की।
विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों के पैदल ही अपने मूल स्थानों की तरफ लौटने और उनके लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष बस सेवा या विमान सेवा शुरू किए जाने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लॉकडाउन का अर्थ है कि जो जहां है, वह वहीं रहे, सुरक्षित रहे और इस संबंध में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के अधिकारियों को उनके रहने तथा खाने-पीने के प्रबंध के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थान पर भेजे जाने की सरकार की यातायात संबंधी कोई योजना नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का एक नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम कर रहा है और इसमें गृह मंत्रालय के अलावा विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारी लगातार मामलों पर नजर रखे हुए हैं। राज्यों को इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि उनके यहां जो भी प्रवासी श्रमिक इस दौरान रुके हुए हैं, उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने की दिशा में तत्काल कारगर कदम उठाए जाएं।