AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, जून-जुलाई में चरम पर हो सकती है कोरोना महामारी?

एम्‍स के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि यह बात वे जांच नमूनों के डेटा एनालिसिस के बाद कह रहे हैं?

Update: 2020-05-08 03:29 GMT

समूचा देश कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है. इस बीच एम्‍स के डायरेक्‍टर का ताजा बयान जनता की मुश्किलें बढ़ा सकता है। अपने हैरत करने वाले बयान में उन्‍होंने चेताया है कि आने वाले दिनों में कोरोना बड़ा कहर बरपा सकता है। जून व जुलाई में यह चरम पर जा सकता है, ऐसे में इसे संभालना बड़ी चुनौती होगा। एम्‍स के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि यह बात वे जांच नमूनों के डेटा एनालिसिस के बाद कह रहे हैं। अनुमान है कि मौजूदा समय में जिस तेजी से देश में कोरोना संक्रमण फैल रहा है, उस हिसाब से जून व जुलाई में यह शीर्ष पर होगा, जो कि घातक है। गुलेरिया ने ये बातें समाचार एजेंसी ANI से चर्चा में कही।

लॉकडाउन से क्या फायदा मिला इस सवाल पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जितने मामले दुनिया के और देशों में बढ़े हैं उतने हमारे देश में नहीं बढ़े.

इसके अलावा दूसरे अन्य फायदों का गिनवाते हुए उन्होंने कहा, "लॉकडाउन से हमें वक्त मिला कि हम कई चीज़े कर पाएं. चाहे वो इफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की बात हो, कोविड केयर अस्पताल बनाना हो, कोविड केयर फैसिलिटी तैयार करनी हो, कोविड आईसीयू हो या ट्रेनिंग की बात हो. पहले हम रोज़ाना हज़ार दो हज़ार टेस्ट कर रहे थे. अब 80-90 हज़ार टेस्ट कर रहे हैं. इस बीच हमें स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए काफी वक्त मिला."

कोरोना के ज़ीरो मामले कब आएंगे यानी कब ये खत्म होगा? इस पर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ये लंबी लड़ाई है. ऐसा नहीं है कि जब पीक आकर चला जाएगा तो कोरोना खत्म हो जाएगा. हमारा ज़िंदगी जीने का तरीका काफी लंबे समय के लिए बदलेगा."

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