भारत में ऑक्‍सफोर्ड की कोरोना वैक्‍सीन के ट्रायल को मिली हरी झंडी

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया की एक बड़ी वैक्सीन निर्माता है,

Update: 2020-08-03 16:05 GMT

कोरोना वायरस की कुछ वैक्सीन के ट्रायल अंतिम स्टेज में हैं. इसी बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन (COVISHIELD) के फेज 2+3 के क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे को मंजूरी दे दी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में बताया कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे को मंजूरी दे दी है.

दरअसल, कोरोना वायरस पर विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर गहन मूल्यांकन किए जाने के बाद रविवार 2 अगस्त को SII को भारत के शीर्ष दवा नियामक ने मंजूरी दी है.

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया की एक बड़ी वैक्सीन निर्माता है, जो उत्पादित और बेची जाने वाली खुराक की संख्या के अनुसार है. इसने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रा जेनेका के सहयोग से जेनर इंस्टीट्यूट (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) द्वारा विकसित संभावित वैक्सीन के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

बता दें कि ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल करने के करीब पहुंचती दिख रही है. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ट्रायल में सुरक्षित और इम्यून को मजबूत करने में सफल साबित हुई है. इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे हैं.

परीक्षण में करीब 1,077 लोगों को शामिल किया गया और पाया कि जिन्हें वैक्सीन दी गई उनमें एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स बने जो कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम थे. अब इसका ट्रायल होगा. ब्रिटेन ने पहले ही वैक्सीन की 10 करोड़ डोज सुरक्षित कर ली हैं. भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का उत्पादन करने का जिम्मा मिला था.

उधर दुनियाभर की बात करें तो कोरोना वायरस की वैक्सीन की दौड़ में फिलहाल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ही सबसे आगे है. एक तरफ जहां कई वैक्सीन अपने अंतिम चरण या एडवांस स्टेज में पहुंचने वाली हैं, वहीं ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस चरण में पहले से ही है. अगर सब कुछ सही रहा तो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार ये वैक्सीन सितंबर तक लोगों के लिए आ जाएगी.

यहां ये भी बता दें कि यह वही वैक्सीन है जिसने कोरोना वायरस के प्रति दोहरा मार करने की सफलता हासिल की थी. अब कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा है कि इस वैक्सीन का आधा उत्पाद भारत के मरीजों को मिलेगा.

पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में अदार पूनावाला ने कहा कि ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों के साथ 500 डोज हर मिनट बनाने की तैयारी है. मुझे दुनिया भर के राष्ट्रध्यक्षों, राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और हेल्थ मिनिस्टर्स के फोन आ चुके हैं. सभी वैक्सीन का पहला बैच मांग रहे हैं. मेरे पास लगातार फोन आ रहे हैं. कई लोगों को तो मैं जानता तक नहीं.

अदार ने कहा था कि ट्रायल सफल होने की स्थिति में हम भारत में 50 करोड़ से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे. वैक्सीन डिजाइन करने वाली कंपनियों का कहना है कि अगर ट्रायल सफल होता है तो उन्हें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की फैक्ट्रियों की जरूरत पड़ेगी.

 

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