DDA Demolition: दिल्ली में रैट माइनर के घर पर चला बुलडोजर, उत्तराखंड की टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में की थी मदद

DDA Demolition: उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में 16 दिन तक मजदूर फंसे रहे जिसके बाद 41 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट होल माइनर की अहम भूमिका रही थी।

Update: 2024-02-29 07:52 GMT

DDA Demolition: उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में 16 दिन तक मजदूर फंसे रहे जिसके बाद 41 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट होल माइनर की अहम भूमिका रही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम 24 घंटे में रैट होल माइनर की टीम ने ही सुरंग को खोदकर मजदूरों को बाहर किया था।

लेकिन अब रैट माइनर के उस टीम का नेतृत्व करने वाले वकील हसन पर मुसीबत आ गई है। दरअसल, बुधवार को DDA ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया। इसके साथ ही दीवार घेर कर घर में जाने का रास्ता भी बंद कर दिया गया है। वकील हसन का पूरा परिवार अब सड़कों पर आ गया है। वकील हसन का परिवार DDA के खिलाफ धरने पर बैठ गया है।

कार्रवाई से हताश परिवार

परिवारवालों का कहना है कि वो यहां से तब तक कहीं नहीं जाएंगे जब तक DDAउनका मकान इसी जगह पर वापस नहीं बना देता है। पूरा परिवार रातभर सड़क के किनारे बैठे रहे और DDA की इस कार्रवाई से काफी हताश हैं। बता दें, वकील हसन ने अपनी कमाई, पत्नी के जेवर और गांव का प्लॉट बेच कर दिल्ली में मकान बनवाया था । वकील हसन मूल रूप से मुजफ्फरनगर के निवासी हैं।

2013 में खरीदा था प्लाट

इन्होंने दिल्ली के खजूरी खास में एक अस्सी गज का प्लॉट खरीदा था। ये प्लाट वकील हसन ने 38 लाख में 2013 में खरीदा था। उस दौरान उन्हें ये पता नहीं था कि ये DDA की जमीन है। आज इस मकान के बनवाने के 11 साल बाद उनका पूरा का पूरा परिवार सड़क पर है। मकान के मेन प्रवेश को दीवार से घेराव कर दिया गया लेकिन पीड़ित परिवार अब मकान के सामने ही DDA के इस एक्शन के खिलाफ धरने पर बैठा है।

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