अरबों की संपत्ति, शानो-शौकत के मालिक मौलाना साद पर ऐक्शन
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निजामुद्दीन मरकज में कोरोना वायरस के वजह से लगी पाबंदियों की धज्जियां उड़ाने वाले तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मुहम्मद साद कंधालवी के खिलाफ अब पुलिस एक्शन मोड में आ चुकी है। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने आज यूपी के शामली में स्थित साद के लग्जरी फार्म हाउस पर छापेमारी की। शामली के कांधला में स्थित 24 बीघे में फैले इस फार्म हाउस में सुख सुविधा और मौज मस्ती के सभी इंतजाम हैं।
करोड़ों की संपत्ति का मालिक है मौलाना साद
रिपोर्ट्स के अनुसार, मौलाना साद के पास करोड़ों की संपत्ति है। वह दो घर और एक फार्महाउस का मालिक है। साद का एक घर दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज के पास है। जबकि, दूसरा घर जाकिर नगर में है। वहीं मौलाना का पुश्तैनी घर उत्तर प्रदेश के शामली जिले में है। कहा जाता है कि पुश्तैनी घर उसके नाम पर नहीं है।
फार्म हाउस में स्विमिंग पुल
दिल्ली पुलिस ने आज जिस फार्म हाउस पर छापा मारा वह स्विमिंग पुल जैसे आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस है। उसके फार्म हाउस में लग्जरी गाड़ियों की पार्किंग और नौकरों के रहने के लिए खास इंतजाम हैं।
24 बीघे में फैला है फार्महाउस
पेड़ पौधों से घिरे इस फार्म हाउस की जमीन मौलाना साद को पारिवारिक बंटवारे में मिली थी। इस फार्महाउस की सुरक्षा के लिए गार्ड के अलावा चारों ओर फैंसिंग पर करंट भी लगाया गया है। 24 बीघे में फैले इस फार्महाउस के 300 गज में आवासीय घर बनाया गया है। निजामुद्दीन मामले के बाद इस फार्म हाउस में आने वाले लोगों की संख्या बहुत कम हो गई है। पहले इस फार्म हाउस के पास लग्जरी गाड़ियां खड़ी रहती थीं। अब यहां शायद ही कोई आता जाता है।
दिल्ली में छिपे होने की थी सूचना, लेकिन मौलाना गिरफ्त से बाहर
कुछ दिन पहले ही सूचना मिली थी कि मौलाना साद दिल्ली के ओखला इलाके के जाकिर नगर में अपनी बहन के घर में छिपे हुए हैं। तब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कहा था कि वह इसे पुख्ता कर रहे हैं, जिसके बाद उन पर निगरानी रखी जाएगी। हालांकि अभी तक साद के गिरफ्तारी या हिरासत संबंधी कोई खबर नहीं मिल सकी है। बता दें कि 13 मार्च से दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मुख्यालय में एक धार्मिक आयोजन में लगभग 3500 लोग इकठ्ठा हुए थे। इन लोगों को मौलाना साद ने धार्मिक प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया था। पुलिस के अनुसार, इस आयोजन में 800 से ज्यादा विदेशी लोगों ने हिस्सा लिया था।
साद का विवादों से पुराना नाता
साद का विवादों से पुराना नाता मौलाना साद का जन्म 10 मई 1965 को दिल्ली में हुआ। साद ने हजरत निजामुद्दीन मरकज के मदरसा काशिफुल उलूम से 1987 में आलिम की डिग्री ली।मौलाना साद का विवादों से पुराना नाता है। जब उन्होंने खुद को तबलीगी जमात का एकछत्र अमीर (संगठन का सर्वोच्च नेता) घोषित कर दिया तो जमात के वरिष्ठ धर्म गुरुओं ने उनका जबर्दस्त विरोध किया। हालांकि, मौलाना पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और सारे बुजुर्ग धर्म गुरुओं ने अपना रास्ता अलग कर लिया। बाद में साद का एक ऑडियो क्लिप भी शामिल हुआ जिसमें वह कहते सुने गए, 'मैं ही अमीर हूं... सबका अमीर... अगर आप नहीं मानते तो भाड़ में जाइए।'
खुद को घोषित किया जमात का एकछत्र अमीर
दरअसल, साद द्वारा खुद को अमीर घोषित किए जाने का विरोध इसलिए हुआ क्योंकि तबलीगी जमात के पूर्व अमीर मौलाना जुबैर उल हसन ने संगठन का नेतृत्व करने के लिए के सुरू कमिटी का गठन किया था। लेकिन, जब जुबैर का इंतकाल हो गया तो मौलाना साद ने लीडरशिप में किसी को साथ नहीं लिया और अकेले अपने आप को ही तबलीगी जमात का सर्वेसर्वा घोषित कर दिया। चूंकि साद जमात के संस्थापक के पड़पोते और संगठन के दूसरे अमीर के पोते हैं तो एक वर्ग का उनके प्रति श्रद्धा बरकरार रही।