Delhi Service Bill : दिल्ली सर्विस बिल बन गया कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम कानून बन गया।
Delhi Service Bill : देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम कानून बन गया। विधेयक, जो अब कानून में हस्ताक्षरित है, का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर विवादास्पद अध्यादेश का स्थान लेना है। इसका कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। इसके बाद विधेयक 7 अगस्त को राज्यसभा में पारित किया गया। विधेयक, केंद्र सरकार को अधिकार प्रदान करता है राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों का विधेयक उच्च सदन में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोटों से पारित हो गया।
आम आदमी पार्टी (आप) ने इस विधेयक को संसद में पेश किया गया अब तक का सबसे "अलोकतांत्रिक" कागज़ का टुकड़ा करार दिया।
विधेयक में प्रस्तावित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई केंद्र के नियंत्रण में होगी। मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामे के बीच इसे संसद में पेश किया गया।
दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, वह केजरीवाल सरकार के पक्ष में था। ऐसे में इसे कानून में संशोधन करके या नया कानून बनाकर ही पलटा जाना संभव था। संसद उस वक्त चल नहीं रही थी, ऐसे में केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस कानून को पलट दिया। छह महीने के अंदर संसद के दोनों सदनों में किसी भी अध्यादेश को पारित कराना जरूरी होता है। इसीलिए सरकार संसद के मानूसन सत्र के दौरान दोनों सदनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लेकर आई और इसे पास कराया।