यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण बढ़ी ईंधनों की कीमत, स्थिति भारत सरकार के नियंत्रण से बाहर- नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले चार दिनों में तेल की कीमतों में तीन बार की गई बढ़ोतरी को सही ठहराया है।
ईंधनों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे उपभोक्ताओं के जेब पर भारी असर पड़ रहा है। वहीं अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले चार दिनों में तेल की कीमतों में तीन बार की गई बढ़ोतरी को सही ठहराया है। उन्होंने बीते शुक्रवार को कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति भारत सरकार के नियंत्रण से बाहर है।
बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने यहां 'एबीपी नेटवर्क' के सम्मेलन 'आइडियाज ऑफ इंडिया' में 'न्यू इंडिया, न्यू मेनिफेस्टो-सबका साथ, सबका विकास' सत्र में यह भी कहा कि, ''कभी-कभी हिंदुत्व को गलत तरीके से पेश किया जाता है।''
जब उनसे पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''भारत में 80 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं।'' मंत्री ने कहा कि हम 2004 से भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रहे हैं, ''जिसके साथ हमें स्वदेशी ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपना खुद का ईंधन बनाने की जरूरत है।''
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शनिवार को भी 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई, जो पांच दिनों में चौथी वृद्धि है।
यह कहते हुए कि उच्चतम न्यायालय ने हिंदुत्व को जीवन का एक तरीका बताया है, गडकरी ने कहा कि धर्म और समुदाय एक-दूसरे से अलग हैं। उन्होंने कहा, ''तो कभी-कभी, हिंदुत्व की व्याख्या ईसाई विरोधी और मुस्लिम विरोधी के रूप में की जाती है। पिछले सात वर्षों में (मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद से) केंद्र सरकार की कोई भी योजना किसी के साथ भेदभावपूर्ण वाली नहीं रही है। हमारी योजनाओं में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं था।''