पांच राज्यों के चुनाव और किसान आंदोलन

Update: 2021-03-30 07:38 GMT

प्रबल प्रताप शाही 

किसान आंदोलनो के 4 महीने बीतने के बाद और पांच राज्यों के चुनाव के आने वाले परिणाम बहुत बड़े निहितार्थ भारत की राजनीति में पैदा करेंगे. इस दौरान पूरे देश के निगाह इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पर टिकी हुई है. लेकिन बंगाल के चुनाव बीजेपी और आंदोलन के लिय करो मरो की स्तिथि बनाये हुए है. राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक ये चुनाव बीजेपी और किसान आंदोलन की दिशा तय करेंगे. 

बंगाल चुनाव को कवर करने गए तमाम पत्रकार और संपर्क सूत्रों के द्वारा जो रिपोर्ट आई है उसे यह प्रतीत होता है कि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी 3 अंक का आंकड़ा प्राप्त नहीं कर पाएगी. पहले चरण का चुनाव जो जंगल महल के इलाके में हुआ वहां पर पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने काफी बढ़िया प्रदर्शन किया था. परंतु वर्तमान विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन ,महंगाई , बेरोजगारी और भाजपा के स्थानीय नेताओं की नाकामी के कारण 2019 वाली सफलता भारतीय जनता पार्टी पहले चरण के चुनाव में प्राप्त नहीं कर पा रही. 30 सीटों के पहले चरण के चुनाव में ममता बनर्जी की 18-19 सीटें आ रही है. भारतीय जनता पार्टी की सीटें 7-8 सीटों आ रही है. 3 से 4 सीटें Congress वामपंथी गठबंधन को मिलती नजर आ रही है. 

जबकि बीजेपी के बड़े चेहरा और गृह मंत्री अमित शाह इनमें से २६ सीटें जीतने की बात कर रहे है जबकि बंगाल ने कई लोग इस बात को हास्यास्पद भी बता रहे है. बीजेपी इस चुनाव को हर हाल में जीतना चाहती है जबकि ममता बनर्जी के लिए उनकी अस्मिता बचाने का सवाल बना हुआ है. 

वहीँ आपको बात दें कि बंगाल से मिले रुझान के अनुसार बंगाल में येन केन प्रकारेण ममता बनेजी अपनी सरकार बना लेंगी. आज अमित शाह और ममता बनर्जी नंदीग्राम में है. दोनों का रोड शो आज चल रहा है. 

लेखक भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रवक्ता है 

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