ये रहा पूरे भारत का बिजली बिल, जानिए एक महीने में कितनी बिजली जला देते हैं भारतीय

आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में ऊर्जा खपत 4.6 फीसदी बढ़कर 108.03 बीयू हो गई जो फरवरी 2021 में 103.25 बीयू थी।

Update: 2022-04-01 14:09 GMT

नई दिल्ली : राज्यों में लॉकडाउन पाबंदियों में ढील मिलने और गर्मी का मौसम जल्द शुरू होने के कारण मार्च में भारत की ऊर्जा खपत सालाना आधार पर 4.6 फीसदी की दर से निरंतर बढ़कर 126.12 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 में ऊर्जा खपत 120.63 बीयू थी जबकि मार्च 2020 में यह 98.95 बीयू थी।

आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में ऊर्जा खपत 4.6 फीसदी बढ़कर 108.03 बीयू हो गई जो फरवरी 2021 में 103.25 बीयू थी। इसके मुताबिक समीक्षाधीन महीने में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग यानी एक दिन में बिजली की अधिकतम आपूर्ति बढ़कर 199.29 गीगावॉट हो गई। मार्च 2020 में यह आंकड़ा 170.16 गीगावॉट और मार्च 2021 में 185.89 गीगावॉट था।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्यों द्वारा लॉकडाउन पाबंदियों में ढील दिए जाने और गर्मियां समय से पहले शुरू हो जाने के कारण मार्च में ऊर्जा खपत में वृद्धि लगातार बनी रही। आंकड़ों के मुताबिक ऊर्जा खपत जनवरी 2022 में 1.8 फीसदी बढ़कर 111.80 बीयू हो गई जो एक साल पहले समान अवधि में 109.76 बीयू थी। दिसंबर, 2021 में ऊर्जा खपत 3.3 फीसदी बढ़कर 109.17 बीयू हो गई जो दिसंबर, 2020 में 105.62 बीयू थी। नवंबर 2021 में बिजली की खपत 2.5 प्रतिशत बढ़कर 99.32 अरब यूनिट रही थी। नवंबर, 2020 में यह 96.88 अरब यूनिट थी। 

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