दिव्यांगजनों और वंचित वर्गों का सशक्तिकरण 'आत्मनिर्भर भारत' और 'अंत्योदय' के उद्देश्यों के अनुरूप: डॉ. वीरेन्द्र कुमार
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा मंत्रालय कई जागरूकता कार्यक्रमों और पुनर्वास गतिविधियों के साथ-साथ 'नशा मुक्त भारत अभियान' पर राज्यों और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है
पीआईबी ,नई दिल्ली : डीडी न्यूज कॉन्क्लेव श्रृंखला के तहत पांचवां कॉन्क्लेव 'सामाजिक सशक्तिकरण एवं दिव्यांगजनों की देखभाल' विषय पर आयोजित किया गया जिसमें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार मुख्य वक्ता थे। सत्र के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्कूल शिक्षकों और युवा छात्रों के एक स्टूडियो दर्शकों ने पैनलिस्टों के साथ बातचीत की।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के आह्वान के तहत समान और समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
आयुष्मान भारत जैसी पहल, दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरणों एवं प्रोस्थेटिक्स का प्रावधान, मुफ्त कॉक्लीयर प्रत्यारोपण जैसे शुरुआती हस्तक्षेप, दिव्यांग बच्चों के बीच व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने वाले स्कूलों के लिए अनुदान का प्रावधान आदि जीवन में बदलाव ला रहे हैं। इन योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय में एक परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय डीबीटी के माध्यम से वंचित समुदाय के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है जिससे वैश्विक महामारी वर्ष के दौरान परिवारों को शिक्षा जारी रखने में मदद मिली है।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा मंत्रालय कई जागरूकता कार्यक्रमों और पुनर्वास गतिविधियों के साथ-साथ 'नशा मुक्त भारत अभियान' पर राज्यों और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर '14567' और एसएसीआरईडी रोजगार जैसी पहलों का भी उल्लेख किया जिन्हें 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।