नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली में ED की बड़ी कार्रवाई, हेराल्ड हाउस समेत 12 जगहों पर छापा, सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद छापेमारी
इससे पहले 27 जुलाई को ही ED ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किया था
नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली में कई जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) छापेमारी कर रही है. हालही में ED ने सोनिया गांधी और उससे पहले राहुल गांधी से इस मामले में पूछताछ की थी। अब ED ने दिल्ली में स्थित हेराल्ड हाउस पर छापेमारी की है। खबरों के अनुसार इस मामले में कई अन्य लोगों के आवास पर छापेमारी हो सकती है।
दिल्ली, कोलकाता सहित 12 जगहों पर छापे की कार्रवाई हो रही है। कोलकाता में डोटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी के ठिकानों पर छापा पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ में एनआईए को जिन सवालों का जवाब नहीं मिला था, अब जांच एजेंसी उन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इन जगहों की तलाशी ले रही है।
इससे पहले 27 जुलाई को ही ED ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किया था. यह पूछताछ 3 दिनों तक चली थी.
इस दौरान ED ने सोनिया से हेराल्ड से जुड़े 40 से ज्यादा सवाल पूछे थे. सोनिया से पहले ED राहुल गांधी से भी 50 घंटे से ज्यादा की पूछताछ कर चुकी है. .
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड एक न्यूज पेपर है जिसे पंडित नेहरू ने साल 1938 में शुरू किया था. इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजीएल के पास था, लेकिन 70 साल बाद साल 2008 में घाटे की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा.
आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ का लोन एजीएल को दिया गया. बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाकर इस अखबार की संपत्ति पर कब्जा कर लिया.
यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी. दोनों का निधन हो गया. साल 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से एक याचिका दाखिल कर इस पूरे कथित सौदे पर सवाल उठा दिए.
साल 2014 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट से समन जारी हुआ. इसके बाद ईडी इस मामले में जांच कर रही है. वहीं साल 2015 में दोनों नेताओं को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत भी दी गई है.
वहीं साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ने नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश न होने की इजाजत दे दी लेकिन केस को बंद नहीं किया.