Farmers Protest: कृषि कानून के रद्द होने पर भी राकेश टिकैत का PM मोदी पर तंज- प्रधानमंत्री, भरोसा नहीं

जहाँ एक तरफ कृषि कानून (Farm Laws) वापस लिए जाने का ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीते शुक्रवार को कर दिया है।

Update: 2021-11-20 06:05 GMT

नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ कृषि कानून (Farm Laws) वापस लिए जाने का ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीते शुक्रवार को कर दिया है। लेकिन अब PM मोदी की ओर से नए कृषि कानून के वापस लिए जाने का ऐलान हो जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसानों का ये धरना अब कब खत्म होगा? इस बात किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अब साफ़ करते हुए कहा है कि सिर्फ अभी सरकारी टीवी से ही घोषणा हुई है।

टिकैत का कहना था कि कल को अगर फिर बातचीत करनी पड़े तो किससे करेंगे? इसके साथ ही राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि, उन्हें इतना इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, "इस आंदोलन में 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं। अब इस पर बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं। को हमारे प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी उन्होंने फेल कर दिया। हलवाई को तो वैसे ततैया भी नहीं काटता। वह ऐसे ही बेचारी मक्खियों को उड़ाता रहता है। "

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को बीते शुक्रवार को वापस लिए जाने की घोषणा की थी और कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। इस मुद्दे पर BKU के राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भी कहा था कि, "आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।सरकार अब MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।"

विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेते हुए PM मोदी ने ये भी कहा था कि, उक्त तीनों कानून कृषि में सुधार के लिए ही लाए गए थे। ताकि छोटे किसानों को और भी ताकत मिले। वैसे सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री कर रहे थे। जब ये कानून लाए गए, तो संसद में भी गहन चर्चा हुई। हालाँकि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही है। 

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