Farmers Protest LIVE: गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने की बैरिकेड तोड़ने की कोशिश, पुलिस से हुई झड़प

गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर किसानों का विरोध जारी, किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की..

Update: 2020-11-29 15:29 GMT

दिल्ली : अन्य राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों का कहना है कि सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर रोड नाकेबंदी के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यूपी बॉर्डर-टिकरी बॉर्डर पर भी प्रदर्शन जारी है.

पीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एक बार फिर आंदोलन कर रहे किसानों से अपील की है कि वे सरकार की तरफ से निर्धारित स्थान यानी बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाएं. इसके बाद केंद्रीय मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय टीम उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है.

किसानों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस 

केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि न ही हमने किसी पार्टी को जगह दी और न ही हमारा किसी कट्टरपंथी संगठन से कोई नाता है. इस तरह के सभी आरोप गलत हैं. किसानों पर धब्बा लगाते वक्त इतनी बड़ी बेशर्मी सरकार कर नहीं सकती. इतनी बड़ी गैदरिंग में ये लोग आ जाते हैं. ये सभी सीधे-साधे किसान हैं. इनको अपने भविष्य की चिंता है, तभी आए हैं. हमने कमेटी बनाई है. ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं.

-केंद्र सरकार ने शर्त के साथ जो प्रस्ताव हमारे सामने रखा है, वो किसानों का अपमान है.

-40 किसान संगठनों के लोग यहां हैं.

-किसान बुराड़ी में नहीं जाएंगे. किसान संगठनों का यही फैसला है. बुराड़ी का मैदान खुली जेल है.

-सरकार ने रोके लगाई गढ्ढे खोदे, पत्थर लगाए, ट्रक लगाए, लेकिन सभी रोक के बावजूद हम 27 तारिख को यहां पहुंचे.

-उत्तराखंड के किसान जो दिल्ली जाना चाह रहे थे, उन्हें जंतर-मंतर नहीं लेकर पुलिस बुराड़ी के मैदान में ले गई.

-दिल्ली के पांच मुख्य मार्ग हैं, जहां से दिल्ली में घुसा जा सकता है. किसान इन पांचों पॉइंट को जाम कर दिल्ली जाम करेंगे.

-हमारे पास इतना राशन है कि चार महीने रोड पर बैठ सकते हैं.

-किसान संगठनों की एक साझा संचालन समीति बनी है, जो फैसला करेगी.

-किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं होगी.

-जो भी मीटिंग होगी उसकी आधिकारिक प्रेस रीलिज भी जारी की जाएगी.

-आपने एक देश एक मंडी कहा और एक देश मे दो मंडी कर दी. एक मंडी APMC एक्ट के तहत बनी है और दूसरी में कोई कानून ही नहीं है. कोई रोक टोक नहीं है. कोई भी उसमें आ सकता है. यह किसान को लूटने की चाल है.

-सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं, उन्हें वापिस कर लें. हम चले जाएंगे. हमे मीटिंग का शौक नहीं है, लेकिन मीटिंग बिना किसी शर्त के होगी.

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