मुजफ्फरनगर महापंचायत में किसानों का उमड़ा जनसैलाब,आज मंच से हो सकता है बड़ा एलान
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी किसान महापंचायत के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा चाक चौबंद कर दी है.
मुजफ्फरनगर: पिछले 9 महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं के पास तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे है.ऐसे में किसान समय समय पर शक्ति प्रदर्शन करते रहे है.वही एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत होने जा रही है.उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी किसान महापंचायत के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा चाक चौबंद कर दी है.
आपको बता दे कि, महापंचायत शुरू होने के पहले ही सुबह 10 बजे ही जीआईसी मैदान पूरी तरह भर गया है. पंजाब, हरियाणा से लेकर दक्षिण भारत के किसान संगठनों के प्रतिनिधि यहां अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच इस महापंचायत पर सबकी नजरें हैं. इस महापंचायत को यूपी में होने वाले विधनसभा चुनाव से जोड़ा जारा है. नरेश टिकैत, राकेश टिकैत, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव समेत कई बड़े नेता वहां मौजूद हैं.
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने काफी दिनों से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जुटाने के लिए मेहनत की है. किसान पिछले साल नवंबर से मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले. केंद्र इसके लिए राजी नहीं है. केंद्र और किसान प्रतिनिधियों के बीच लंबे समय से वार्ता भी नहीं हुई है.
किसान नेता महापंचायत में अपनी मांगों को लेकर क्या ऐलान करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. कृषि कानूनों के अलावा किसान नेताओं ने बिजली संशोधन विधेयक और सार्वजनिक संपत्ति के मौद्रीकरण का भी मुद्दा उठा दिया है. किसान नेता लगातार कह रहे हैं कि वो कृषि कानूनों के खिलाफ अनिश्चितकालीन लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होने वाली है. किसानों के वास्ते भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर भी शामिल है. महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.'