ममता बनर्जी ने किसान नेता राकेश टिकैत के साथ की बैठक, विरोधी दलों को एकजुट होने का किया आह्वान
विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी और राकेश टिकैत की यह पहली मुलाकात है.
नई दिल्ली : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी के साथ बैठक शुरू हो गई है. राकेश टिकैत पूर्व निर्धारित समय पर राज्य सचिवालय नबान्न अपराह्न तीन बजे पहुंच गए हैं. बता दें कि ममता से मुलाकात के दौरान टिकैत केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ मौजूदा किसान आंदोलन को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी और राकेश टिकैत की यह पहली मुलाकात है.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि किसान के आंदोलन को पूरा समर्थन है. विधानसभा में प्रस्ताव लाकर भी समर्थन किया है. शुरुआत से ही हम समर्थन कर रहे हैं. हम 26 दिनों तक किसान की जमीन नहीं लेने के लिए आंदोलन किया था. कानून भी बनाया था कि जबरन जमीन नहीं लेंगे. विरोधी दल के सीएम के साथ बात करके वर्चुअल कांफ्रेंस कर सकते हैं. कोविड समाप्त होने के बाद चर्चा करेंगे. इनके आंदोलन को यूनिफॉर्म लेटर दिया जाए. कोविड से लेकर किसान, आज किसान भूखा है. जनवरी से आंदोलन चल रहा है और बात भी नहीं कर रहा है.
केंद्र सरकार कानून खारिज करे
टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत में कृषि केवल एक पेशा नहीं है. उन्होंने कहा कि कृषि पर आघात रोकना बहुत जरूरी है. हम लोगों पूरी तरह से इस मसले पर किसानों के साथ हैं. इन तीनों कानूनों को केंद्र सरकार खारिज करे और नए कानून बनाए. उ्नहोंने कहा कि किसानों के साथ-साथ देश हर मामले में पिछड़ रहा है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से देश की जनता परेशान है.
बिजौलिया को मिल रहा है लाभ
राकेश टिकैत ने कहा कि उद्योग के साथ अब कृषि क्षेत्र पर प्रहार करना चाह रहे हैं. खुदरा बाजार पर उनकी नजर है. उन पर काबू करने के लिए काले कानून बनाए गए हैं. कई राज्यों ने समर्थन किया है.यह किसान राज्य का आंदोलन नहीं है, बल्कि पूरे देश का आंदोलन है. जयप्रकाश नारायण के समय में संपूर्ण क्रांति की शुरुआत हुई थी. यह दूसरी क्रांति है. उन्होंने कहा कि किसान को पैदा करने के बाद कीमत नहीं मिलती है. न तो उत्पादक को पैसा मिल रहा है और न ही उपभोक्ता को सस्ता मिल रहा है. बिजौलिया का बोलबाला है.