अतीक अहमद और अशरफ मर्डर पर पूर्व IPS का सवाल, पुलिस से पहले जनता से चूक हुई, उस पत्रकार से भी पूंछों क्यों किया ये सवाल?
प्रयागराज के अतीक अहमद और अशरफ के मर्डर पर बिहार कैडर पूर्व डीआईजी सुधीर कुमार सिंह ने कई सवाल किए है। उन्होंने कहा है कि पुलिस पर सवाल करने से पहले जनता अपने गिरेवान में झाँके और उस पत्रकार से सवाल करे जिसने उससे उसके बेटे को लेकर सवाल किया है, पत्रकार को क्या जल्दी थी उससे बेटे के सवाल करके उसके पास पहुंचाने की।
पूर्व आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने लिखा है कि ओवैसी जैसे लोग सिर्फ मुस्लिमों पर अत्याचार का आरोप लगायेंगे,पर वे भूल जाते हैं कि पूरी Z+ सुरक्षा के बीच भारत के दो प्रधान मंत्रियों की भी हत्या हुई थी और वे मुस्लिम नहीं थे। प्रधानमंत्री थी इंदिरा गाँधी जी,पर उनके ही सुरक्षा गार्ड ने उनके ही आवास पर उन्हें गोली मार दी थी।
लेकिन ओवैसी जैसे नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही इस्तीफे की मांग कर रहे हैं । क्या यह नहीं हो सकता कि मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए विपक्ष के द्वारा ही साजिश रची गई हो ? अतीक के ISI से सम्बंध थे और उसने भेद उगलना भी शुरू कर दिया था।
पूर्व आईपीएस सुधीर कुमार सिंह भारत में फैले ISI के गुर्गे भी सुपारी देकर हत्या करवा सकते हैं । गम्भीर जांच की जरुरत है । इस जांच में उस पत्रकार को भी शक के घेरे में लेना चाहिए जो पूछ रहा है कि आप मृत बेटे के जनाजे में क्यों नहीं गए ।
क्या यह पत्रकार इस बात से वाकिफ नहीं था कि सरकार से उसे जनाजे में जाने की अनुमति नहीं मिली थी ?कहीं यह यह अपराधी के लिए ऐक्शन में आने के लिए कोड वर्ड तो नहीं था ? कहीं पत्रकार का निहितार्थ यह तो नहीं था कि तुम जल्द ही बेटे के पास पहुंचने वाले हो ।
उत्तर प्रदेश में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है ।लेकिन आप देख लीजिएगा , नेताओं को छोड़ दीजिए ,तो उत्तर प्रदेश में कहीं से कोई चूं शब्द भी नहीं होगा, क्योंकि जनता सब समझती है ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में गेंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद को जनता ने पाँच बार विधायक और एक बार सांसद बनाया जबकि अशरफ को एक बार विधायक बनाया। जब अशरफ चुनाव हारा और राजू पाल विधायक बने तो उनकी दौड़ा दौड़ा करके हत्या की गई।