एक ही परिवार के 4 बच्चों ने जब पास की UPSC की परीक्षा बन गए IAS, IPS अधिकारी, तब पिता बोले ये बात

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Update: 2022-07-30 05:32 GMT

 यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक हैं। इसे पास करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं। वहीं हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां चार भाई-बहनों ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है और आज IAS, IPS के पद पर कार्यरत हैं।

प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील के रहने वाले अनिल मिश्रा को एक ही तमन्ना थी कि उनके चारों बच्चे बड़े होकर उनका नाम रोशन करें। हुआ भी यही, चारों ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया।

चार भाई बहन में सबसे बड़े हैं योगेश मिश्रा, जो IAS हैं। इस समय कोलकाता में राष्ट्रीय तोप एवं गोला निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी हैं। दूसरे नंबर पर हैं बहन क्षमा मिश्रा, जो IPS हैं। वर्तमान में कर्नाटका में पोस्टेड हैं। तीसरे नंबर पर हैं माधवी मिश्रा, जो झारखंड कैडर की IAS हैं। इस समय केंद्र के विशेष प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात हैं। चौथे नंबर पर हैं लोकेश मिश्रा, जो IAS हैं। इस समय बिहार के चंपारण जिले में ट्रेनिंग कर रहे हैं।

सबसे बड़े भाई योगेश ने बताया, IAS होने से पहले वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और नोएडा में तैनात थे। उस समय उनकी दोनों बहनें क्षमा-माधवी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रही थीं। रक्षाबंधन के एक दिन पहले दोनों के एग्जाम का रिजल्ट आया और वो फेल हो गईं। उसके एक दिन बाद मैं राखी बंधवाने बहनों के पास गया और उनका हौसला बढ़ाया। उसी दिन ठान लिया कि सबसे पहले खुद IAS बनकर दिखाऊंगा, जिससे अपने छोटे भाई-बहनों को प्रेरणा दे सकूं। फिर तैयारी शुरू की और फर्स्ट अटेंप्ट में ही IAS बन गया। इसके बाद मैंने छोटे भाई-बहनों का मार्गदर्शन किया।

इन चार भाई बहनों में दो भाई और दो बहनें हैं। ये उत्तर प्रदेश के लालगंज के रहने वाले हैं। उनके पिता, अनिल प्रकाश मिश्रा ने एक न्यूज वेबसाइट को इंटरव्यू देते हुए बताया, " मैं एक ग्रामीण बैंक में मैनेजर था।मैंने अपने बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया। मैं चाहता था कि उन्हें अच्छी नौकरी मिले और मेरे बच्चे भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें।"

चार भाई-बहनों में सबसे बड़े योगेश मिश्रा आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज में पूरी की और फिर मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इंजीनियरिंग की।  उन्होंने नोएडा में नौकरी की, लेकिन सिविल सेवा की तैयारी जारी रखी। साल 2013 में, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बन गए।


योगेश मिश्रा की बहन, क्षमा मिश्रा, जो सिविल सेवा की तैयारी कर रही थीं, अपने पहले तीन प्रयासों के दौरान इसे पास नहीं कर सकीं। हालांकि, उसने अपने चौथे प्रयास के दौरान परीक्षा पास की और अब एक IPS अधिकारी हैं। तीसरी बहन, माधुरी मिश्रा, लालगंज के एक कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद, पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए इलाहाबाद चली गईं। इसके बाद उन्होंने 2014 में यूपीएससी की परीक्षा सफलतापूर्वक पास की और झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी बन गईं। लोकेश मिश्रा, जो चारों में सबसे छोटे हैं, उन्हों साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा में 44वां स्थान हासिल किया था। अब वह IAS अधिकारी हैं।

चारों भाई बहनों के पिता ने कहा, "आज मेरे बच्चे IAS, IPS अधिकारी हैं। अब मैं भगवान से क्या मांग सकती हूं। मुझे सब मिल गया। बच्चों की तरक्की देखकर मैं प्राउड फील करता हूं"


माधवी बताती हैं, चारों भाई-बहनों में उम्र का फर्क बहुत अधिक नहीं है। सभी एक-दूसरे से एक साल छोटे-बड़े हैं। लेकिन बचपन में कभी-कभी खेल के दौरान किसी बात को लेकर नोक-झोंक भी होती थी, तो उनमें से कोई एक इस नोकझोंक को प्यार में बदलने की जिम्मेदारी उठाता था। सभी को एक जगह इकट्ठा कराकर उनमें समझौता कराता था। क्षमा बताती हैं, सिर्फ 2 कमरों का मकान था, अगर कोई मेहमान आ गया तो सबसे ज्यादा दिक्कत होती थी। ऐसे में हम सबको पढ़ने में प्रॉब्लम होती थी।

योगेश ने बताया, हम सभी अपने पैतृक गांव लालगंज में रहकर ही 12वीं तक पढ़ाई की। उसके बाद वो मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीटेक करने इलाहाबाद चले गए। वहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब मिल गई और नोएडा चला गया। 2013 में IAS बना। क्षमा ने एमए तक की पढ़ाई गांव से ही की।


उसके बाद उनकी शादी 2006 में पास में रहने वाले सुधीर से हो गई। सुधीर उत्तराखंड में जिला आपूर्ति अधिकारी थे। उन्होंने भी क्षमा को आगे की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया। शुरुआत में क्षमा का सिलेक्शन 2015 में डिप्टी SP के रूप में हुआ। लेकिन अगले साल फिर से एग्जाम देने के बाद 2016 में वो IPS बन गई। दूसरी बहन माधवी ने ग्रैजुएशन लालगंज से ही करने के बाद इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएशन करने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी चली गईं।

वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद जेएनयू दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सि‍लेक्शन IAS में हो गया। सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनयरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फर्टिलाइजर कंपनी में नौकरी की। 2015 में PCS का एग्जाम क्वालीफाई कर BDO हुआ। लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 2016 में वो भी IAS हो गए।

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