गूगल का बड़ा एलान, भारत में बैन होंगे सभी तरह के लोन देने वाले फर्जी एप्स
ऑनलाइन लोन एप्स की भारत में भरमार हो गई है। प्रत्येक कुछ दिन में एक नया लोन एप मार्केट में आ रहा है और लोगों को अपना शिकार बना रहा है। भारत में इंस्टैंट लोन का कारोबार पिछले दो साल से खूब फल-फूल रहा है लेकिन अब लोन एप्स की शामत आने वाली है। गूगल ने आज यानी 25 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित Safer With Google के दूसरे एडिशन में कहा कि भारत में सभी तरह के लोन एप्स बैन किए जाएंगे। ऐसे किसी भी इंस्टैंट लोन एप्स को गूगल प्ले-स्टोर को पब्लिश करने की इजाजत नहीं मिलेगी जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों का पालन नहीं करते हैं। गूगल ने कहा है कि अभी तक उसने 2,000 इंस्टैंट पर्सनल लोन देने वाले मोबाइल एप्स को अपने प्लेटफॉर्म पर बैन किया है। ये एप्स नियमों के विरुद्ध काम कर रहे थे और यूजर्स की प्राइवेसी से खिलवाड़ कर रहे थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ गूगल की साझेदारी
गूगल इंडिया ने ऑनलाइन पेमेंट सेफ्टी के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के साथ साझेदारी की भी घोषणा की है। डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता के लिए Google ने भारत के अग्रणी बैंकों और दूरसंचार कंपनियों के साथ भी साझेदार की है।
MEITY और डिजिटल इंडिया के साथ Google ने आज HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एयरटेल, SBI और ICICI के समर्थन से एक अखिल भारतीय, बहुभाषी उपयोगकर्ता जागरूकता अभियान शुरू किया। यह अभियान लोगों को कुछ सबसे आम धोखाधड़ी और फिशिंग अटैक से दो कदम आगे रहने के लिए बुनियादी सावधानियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस अभियान में गूगल के पार्टनर वेबसाइटों, एप्स, एसएमएस और एटीएम के जरिए होने वाले फ्रॉड को लेकर लोगों को सावधान करेंगे।
चाइल्ड एब्यूज रोकने के लिए नया टूलकिट
गूगल ने चाइल्ड एब्यूज और शोषण को रोकने के लिए तीन भारतीय भाषाओं, बंगाली, हिंदी और तमिल में अपनी protectingchildren.google वेबसाइट लॉन्च की जिसमें भारतीय गैर सरकारी संगठनों भी सहयोग करेंगे। यह वेबसाइट डिजिटल दुनिया में बच्चों के शोषण को लेकर लोगों को जागरूक करेगी।
सीबीएसई बोर्ड के साथ साथ गूगल की साझेदारी
गूगल ने ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ हाथ मिला रहा है। मजबूत और सुरक्षित डिजिटल आदतों को विकसित करने के लिए छात्रों को लैस करने के उद्देश्य से प्रशिक्षक कार्यक्रम और व्यक्तिगत कार्यक्रम होंगे। इसके तहत 10वीं तक के बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांतों जैसे पासवर्ड सुरक्षा, संदिग्ध ईमेल और असुरक्षित साइटों से बचने और ऑनलाइन सुरक्षित रहने के अन्य तरीके बताए जाएंगे और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
साभार अमर उजाला