कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन आगामी 9 और 10 सितंबर को तीसरा लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन का करेगा आयोजन
जो बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई-उन्मुख और समाधान आधारित बातचीत की वकालत करता है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन आगामी 9 और 10 सितंबर को तीसरा लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण इस बार का सम्मेलन आभासी होगा। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बहुत सारे नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं ने अपनी स्वीकृति दी है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों की दशा-दिशा को सुधारने और बच्चों को उनके प्राकृतिक अधिकार (फेयर शेयर) कैसे मिलें, जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए इस तीसरे लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में जिन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा वे हैं- बाल श्रम, बाल दासता, दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग), शिक्षा, खाद्य असुरक्षा तथा युद्ध और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चे।
यह शिखर सम्मेलन विश्व सरकारों से एक सचेत आह्वान करेगा कि उन्हें सभी बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने को सुनिश्चित करना चाहिए। उन बच्चों पर उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए जो समाज के कमजोर और हाशिए के बच्चे हैं। अगर कोविड-19 के कहर से हम अगर लाखों बच्चों को नहीं बचा पाए, तो कोई कारण नहीं कि बाल श्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने जो प्रगति हासिल की है, वह धराशायी हो जाए और हम एक दशक पीछे ढकेल दिए जाएं।
लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जो बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई-उन्मुख और समाधान आधारित बातचीत की वकालत करता है।