Gyanvapi Case: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने पहुंचे, रोके जाने पर शुरू की भूख हड़ताल
Gyanvapi Case: द्वारका व ज्योतिर्मठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आज वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में भगवान शिव की पूजा करने पहुंचे।
Gyanvapi Case: द्वारका व ज्योतिर्मठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आज वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में भगवान शिव की पूजा करने पहुंचे। यहां पुलिस ने उन्हें ज्ञानवापी परिसर के भीतर नहीं प्रवेश करने दिया। इस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें पूजा करने का अधिकार नहीं मिलता, तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि हमें मठ के भीतर नहीं जाने दिया है। न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, हम उसे मानेंगे, लेकिन निर्णय आने तक क्या भगवान भूखे और प्यासे रहेंगे? उन्होंने कहा कि हमने मठ में पूजा करने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस से कोई जवाब नहीं मिला है।
Varanasi, Uttar Pradesh | Police deployment outside the mutt of seer Swami Avimukteswaranand, in a bid to stop him from stepping out amid his announcement of offering prayers at the Shivling reportedly in Gyanvapi mosque complex.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 4, 2022
The matter is sub-judice before Varanasi Court. pic.twitter.com/noXMnoVhmi
उन्होंने कहा कि मैंने अपने खुद के मोबाइल से आयुक्त को याचिका भेजी और अपने आदमी को पत्र के साथ उपायुक्त के ऑफिस भेजा। मेरे पास प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमें मठ के भीतर पूजा करने के लिए नहीं जाने दिया जा रहा। इसलिए मैं यहीं बैठूंगा और पूजा के बाद ही खाना खाऊंगा।
बता दें कि स्वामी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रेसवार्ता करके जानकारी दी थी कि द्वारका व ज्योतिर्मठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश पर चार जून को ज्ञानवापी मठ जाकर पूजा करेंगे। इसके लिए जहां तक पूजा करने की अनुमति होगी, वहां भगवान शिव को राग-भोग और पूजन अर्पित करेंगे।
जब पूछा गया था कि मामला अदालत में विचाराधीन है तो जवाब दिया था कि धार्मिक मामलों में शंकराचार्य का आदेश सर्वोपरि है। उनके आदेश का पालन होगा। उधर, पुलिस का कहना था कि अगर अदालत के आदेशों का पालन नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।