संसद में रमेश बिधूड़ी के बयान पर बवाल! वीडियो में हंसते दिखे थे हर्षवर्धन, अब दी ये सफाई
मेश बिधूड़ी के संसद में दिए विवादित बयान वाले मामले में सोशल मीडिया पर ट्रोल होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने प्रतिक्रिया दी है.
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी सांसद रमेश बिधूड़ी के संसद में बसपा सांसद दानिश अली को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भीकड़ी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी को इस तरह का व्यवहार दोबारा दोहराए जाने पर “सख्त कार्रवाई” की चेतावनी दी है. बिधूड़ी के इस व्यवहार पर सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी खेद जताया था.
हर्षवर्धन ने दी सफाई?
अब रमेश बिधूड़ी के संसद में दिए विवादित बयान वाले मामले में सोशल मीडिया पर ट्रोल होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने प्रतिक्रिया दी है. जिस तरह के सड़क छाप शब्दों का उन्होंने लोकसभा में इस्तेमाल किया और उसे सुनकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मुस्कान बिखेरी, यह दृश्य बहुत से लोगों को नागवार गुजरा और फिर वो ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट हर्षवर्धन ने कहा, ''मैंने ट्विटर पर अपना नाम ट्रेंड होते देखा है, जहां लोगों ने मुझे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बेवजह घसीटा है, जहां दो सांसद सदन में एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.''
उन्होंने आगे लिखा, ''हमारे वरिष्ठ और सम्मानित नेता राजनाथ सिंह जी पहले ही दोनों पक्षों द्वारा इस तरह की अनुचित भाषा के उपयोग की निंदा कर चुके हैं. मैं अपने मुस्लिम दोस्तों से पूछता हूं जो आज सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ लिख रहे हैं, क्या वे वास्तव में मानते हैं कि मैं कभी भी ऐसी अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में भागीदार बन सकता हूं जो किसी एक समुदाय की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाती हो?''
बीजेपी नेता ने लिखा, ''चांदनी चौक की ऐतिहासिक गलियों में फाटक तेलियान, तुर्कमान गेट में पैदा हुआ, यहीं पला-बढ़ा. अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ खेलते हुए बड़ा हुआ हूं. मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सभी मुस्लिम भाई-बहन जो कभी भी मेरे संपर्क में रहे, वे मेरी भावनाओं, व्यवहार और मेरे आचरण की पुष्टि करने में तनिक भी नहीं हिचकेंगे. मैं चांदनी चौक के प्रतिष्ठित निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में जीतकर बहुत खुश हूं और यदि सभी समुदायों के लोगों ने मेरा समर्थन नहीं किया होता तो ऐसा कभी संभव नहीं हो पाता.''
'राजनीतिक स्वार्थ के लिए बेवजह मेरा नाम घसीटा'
हर्षवर्धन ने कहा, ''इस घटना से मैं अत्यधिक आहत हुआ हूं कि निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ लोगों ने बेवजह मेरा नाम इस प्रकरण में घसीटा है. हालांकि मैं वहां एक-दूसरे पर फेंके जा रहे शब्दों की नोक-झोंक का प्रत्यक्षदर्शी जरूर था (जो वास्तव में पूरा सदन ही था), सच बात तो यह है कि उस शोर-शराबे में मैं स्पष्ट रूप से कुछ भी समझ नहीं पा रहा था. मैं जीवन में हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहा हूं. अपने देश और देशवासियों के हित को हर चीज से ऊपर रखते हुए, उसके लिए अपना श्रेष्ठतम देने के लिए कभी पीछे नहीं रहा हूं और यह मेरा संकल्प है कि अपने जीवन के अंतिम सांस तक इस भावना को अक्षुण रखूंगा.''
राजनाथ सिंह ने जताया खेद?
खबर है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बिधूड़ी के बयान पर निराशा जाहिर की है। सिंह ने कहा कि उन्होंने टिप्पणियां नहीं सुनी हैं और अगर विपक्ष के सदस्यों की भावनाओं का आहत पहुंची है, तो उन्हें डिलीट करने का आग्रह किया है। कांग्रेस सदस्य के सुरेश ने कहा कि वह पहले ही अधिकारी को भाजपा सांसद के बयान को हटाने के लिए कह चुके हैं।
सिंह ने कहा था, 'अगर सदस्य के बयान से विपक्ष को दुख पहुंचा है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।' रक्षा मंत्री की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया का विपक्ष ने स्वागत किया। कहा जा रहा है कि बिरला ने भी बिधूड़ी से मुलाकात कर बयानों पर आपत्ति दर्ज कराई है। स्पीकर ने भाजपा सांसद से भाषा की मर्यादा को बनाए रखने के लिए कहा है।
वहीँ दानिश अली ने ट्विटर पर लिखा है, क्या #RSS की शाखाओं और @narendramodi जी की प्रयोगशाला में यही सिखाया जाता है? आपका कैडर जब एक चुने हुए सांसद को भरी संसद में आतंकवादी, उग्रवादी, मुल्ले…जैसे शब्दों से अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता तो वो आम मुसलमानों के साथ क्या करता होगा? यह सोच कर भी रूह काँप जाती है।