केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर का किसानों के मुद्दे पर इस्तीफा, बीजेपी में हड़कंप
देश में कृषि ऑर्डिनेस लाये जाने के बाद से केंद्र सरकार का विरोध लगातार जारी है।
नई दिल्ली : इस वक़्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। मोदी सरकार के कृषि अध्यादेशों को लेकर नाराज मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस्तीफा देंगी। किसानों के मुद्दे पर बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देंगी। लेकिन अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा। लोकसभा में सुखबीर सिंह बादल ने कहा, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर कृषि कानून के विरोध में सरकार से इस्तीफा देंगी।
देश में कृषि ऑर्डिनेस लाये जाने के बाद से केंद्र सरकार का विरोध लगातार जारी है। दो-तीन राज्यों के किसान ज्यादा उद्दवेलित हैं। पंजाब, हरियाणा, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन बिल हैं इससे जुड़े हुए किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 जिसका विरोध हो रहा है।
किसानों से जुड़े तीनों अध्यादेशों का किसान भले ही देशभर में विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ये तीनो अध्यादेश बहुत दूर दृष्टि के हैं और इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है। सरकार के इन नये प्रयासों से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों अध्यादेश बहुत दूर दृष्टि के हैं इसलिए हम हम इन्हें बिल के रूप में संसद में ला रहे हैं और पास कराने जा रहे हैं। नड्डा ने कहा, " ये तीनों बिल कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम की बात की जाये तो ये 1955 का है। उस वक्त उपज काफी कम थी जो अब बहुत बढ़ गई है। ये बिल जब आया था तब उपज की कमी थी। अब इसको डिरेग्यूलेट करते हुए अपवाद की स्थिति का ध्यान रखा गया है।"