हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- भगवान को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक स्थलों पर पटाखे फोड़ने का आदेश नहीं
करण हाईकोर्ट ने धार्मिक स्थलों पर पटाखे फोड़ने से रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अहम् फैसला सुनाया है। इसके साथ ही अधिकारियों से अवैध रूप से संग्रहीत पटाखों को बरामद करने के लिए छापेमारी करने को कहा है।
देश में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों ने पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध दिया है। अब इस लिस्ट में केरल का नाम भी जुड़ गया है। केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को विषम समय में धार्मिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया और अधिकारियों से अवैध रूप से संग्रहीत पटाखों को बरामद करने के लिए छापेमारी करने को कहा। जस्टिस रावल ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। बता दे कि दिवाली से पहले ही देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है।
गलत समय पर धार्मिक स्थालों पर पटाखे फोड़ने पर रोककेरल में धार्मिक स्थलों पर पटाखे फोड़ने को रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने कोचीन और अन्य जिलों में उप कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी करने का निर्देश दिया कि अब से कोई भी पटाखे नहीं जलाए जाएंगे। कोर्ट इस यह भी कहा कि इस अदालत ने भी आधी रात के बाद भी पटाखों को शोर सुना था।
याचिकाकर्ताओं ने दी ये दलील
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कुछ मंदिर के पास ही विस्फोटक लाइसेंस है। उन्होंने दलील दी है कि जिला कलेक्टर को ऐसे लाइसेंस नहीं किए जाने चाहिए। पटाखे फोड़ने से ध्वनि और वायु प्रदूषण के साथ साथ शांति भी भंग होती है।
हाई कोर्ट ने की ये टिप्पणी
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया किसी भी धार्मिक पुस्तक में भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का कोई आदेश नहीं है। केरल के सभी धार्मिक स्थलों पर पटाखे फोड़ने से रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
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