हिंदू हमारे पूर्वज थे, बकरीद पर मांस नहीं खाएंगे तो मर नहीं जाएंगे: बदरुद्दीन अजमल
लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने असम के मुसलमानों से हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है। उन्होंने ईद-उल-अजहा के दौरान गायों की बलि नहीं देने की अपील की है। मालूम हो कि अजमल असम राज्य जमीयत उलमा (ASJU) के अध्यक्ष भी हैं, जो कि देवबंदी स्कूल ऑफ थिंक से संबंधित इस्लामिक विद्वानों के प्रमुख संगठनों की टॉप बॉडी हैं।
अजमल ने कहा, "आरएसएस के कुछ लोग हिंदू राज बनाने की कोशिश करके हिंदुस्तान को खत्म करना चाहते हैं। हिंदू राज कभी उनके सपनों में भी नहीं होगा। वे इस देश में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच एकता को नहीं तोड़ सकते। अगर आप ईद पर एक दिन के लिए गाय नहीं खाएंगे तो मरेंगे नहीं। हम तो इसे हिंदू भाइयों के साथ मनाते हैं। हमारे सभी पूर्वज हिंदू थे। वे इस्लाम में आए क्योंकि इसमें विशेष गुण हैं, जो कि अन्य धर्मों की भावनाओं का सम्मान करना है।"
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी और जवाब में भीषण हत्याओं के विवाद पर भी उन्होंने टिप्पणी की। अजमल ने कहा, "मुसलमानों को प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, उन्हें प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान नुपुर शर्मा जैसे लोगों को दिमाग दें। जो लोग सिर काटने की बात करते हैं, वह बेवकूफी है।" उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दे सकती है।