हिंदू संस्कृति के लिए कुछ अच्छा हो तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों! गीता प्रेस मामले में भाजपा के निशाने पर कांग्रेस!

If there is something good for Hindu culture then why the pain in the stomach of the Congress! Congress on BJP's target in Geeta Press case

Update: 2023-06-20 11:38 GMT

रमेश शर्मा

एक दशक पुरानी गोरखपुर की गीता प्रेस को केंद्र सरकार द्वारा 2021 का गांधी शांति पुरुस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ और गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले नेता जय राम रमेश द्वारा विरोध स्वरूप दिए गए बयान के बाद अब भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने गीता प्रेस को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को बीजेपी और भारत के उभरते हुए नेतृत्व से बैर तो था ही, लेकिन अब गीता प्रेस गोरखपुर के पीछे भी कांग्रेस पड़ गई है। इसी प्रकार पीली भीत से सांसद वरुण गांधी ने भी कांग्रेस के बयान का विरोध किया है। में यहां यह बताने की जरूरत नहीं समझता की गीता प्रेस ने सनातन धर्म की पुस्तकों को प्रकाशित कर नो लॉस नो प्रॉफिट में उसका व्यापक प्रसार किया है।

गीता प्रेस के चलते न जाने कितने लोगों को रोजगार मिला है बल्कि गीता प्रेस में धार्मिक ग्रंथों का प्रकाशन कर देश में पहचान बनाई है। रामायण और गीता के साथ-साथ हर धार्मिक व्यक्ति के मानस और जुबा पर रहने वाले ग्रंथों का ज्ञान का प्रवाह किया है। लेकिन कांग्रेस बीजेपी और हिंदू विरोध में यह सब नहीं देख पा रही है।

गीताप्रेस को गांधी शांति से सम्मानित किया जाना केवल गीता प्रेस करें बल्कि गीता प्रेस से लाभान्वित अध्यात्म से जुड़े और मानव का सम्मान है।यह सम्मान किसी भी नागरिक संस्था को मिल सकता है। ऐसे में गीता प्रेस गोरखपुर को मिले इस सम्मान से कांग्रेस द्वारा की गई टिप्पणी को राजनीति से जोड़ा जाना उचित प्रतीत नहीं होता!

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