मन में अगर सच्ची लगन हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है, कुछ ऐसी ही कहानी है UPSC में 7 वीं रैंक लाने वाले नेत्रहीन सम्यक जैन की
सम्यक जैन की ग्रेजुएशन के दौरान ही आंखे चली गई थी
"जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती,कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"।।
इन्हीं पंक्तियों को साकार करते है UPSC की परीक्षा में 7 वीं रैंक लाने वाले सम्यक जैन।
सम्यक जैन नेत्रहीन है,बावजूद इसके उन्होंने देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को टॉप किया है वो भी अंडर 10 मे जगह बनाकर।
आइए जानते है सम्यक से जुड़ी कुछ विशेष बातें
दिल्ली के शाहदरा में जन्में सम्यक ने साइंस से 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में दाखिला लिया। फर्स्ट ईयर के दौरान उनकी आंख में परेशानी हुई और जब जांच कराया तो मैकुलर डिजनरेशन (Macular Degeneration) का पता चला। यह एक जेनेटिक बीमारी है, हालांकि उनके परिवार में दूर-दूर तक किसी को यह बीमारी नहीं था। सबसे बड़ी बात की इसका कोई इलाज नहीं था; जब धीरे धीरे समस्या बढ़ी तो पढ़ाई छोड़ने का उन्होंने निर्णय लिया। चूंकि कॉलेज भी इतना सपोर्टिंग नहीं था, इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में ओपन से इंग्लिश ऑनर्स से बीए किया।
उन्हें ग्रेजुएशन के दौरान ही कुछ दोस्तों ने बताया कि अगर पढ़ने-लिखने में रुचि है तो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से पत्रकारिता कर लो। फिर वे इंग्लिश जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा करने के लिए यहां चले आए। आईआईएमसी से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री हासिल करने चले गए और यहीं से यूपीएससी का सफर शुरू हुआ। उन्होंने यूपीएससी में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में लिया।
UPSC के इस सफर में परिवार का मिला साथ
सम्यक के माता-पिता दोनों एयर इंडिया के लिए काम करते हैं। वह अपनी मां के साथ रहते हैं। पिता फ्रांस में कंट्री मैनेजर हैं और पेरिस में पोस्टेड हैं। उन्होंने बताया कि मेरी दीदी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गईं तो पिता जी का कहना था कि तुम भी वहीं चले जाओ। अमेरिका में तुम्हारे लिए अच्छा स्कोप होगा। सम्यक कहते हैं, जब वह शुरुआती दिनों में ठीक थे, तो उन्होंने देखा कि देश में करने के लिए बहुत कुछ है। देश के लोगों के लिए अच्छी सुविधाओं की जरूरत है। ऐसे में उन्होंने तय किया कि वह देश में ही रहेंगे और जो कुछ भी करेंगे यही से करेंगे।
UPSC का पेपर लिखने में मां ने की थी मदद
दृष्टिबाधित होने के कारण वह पीडब्ल्यूडी श्रेणी में आते हैं। सम्यक ने बताया कि मेरी कॉपी लिखने के लिए मुझे एक राइटर की जरूरत होती थी, ऐसे में मेरी मां मेरा साथ दिया। ग्रेजुएशन से लेकर यूपीएससी तक की परीक्षा मेरी मां ने लिखा है। यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में राइटर, मेरी मां बनीं थी और मेंस में मेरी एक दोस्त ने पेपर लिखा था। उन्होंने कहा कि वह ऐसे सहयोगी माता-पिता और दोस्तों को पाकर धन्य हैं।
UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सम्यक जैन की सलाह
सम्यक जैन यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहते हैं कि सबसे पहले पॉज़िटिव रहना सीखें, कोई भी अपने आप में कम नहीं है। हमेशा विश्वास रखें कि आपके लिय कुछ भी मुश्किल नहीं है। बस ध्यान रहे कि उसमें निरंतरता बनाए रखें। हमेशा अपना मूल्यांकन करते रहें, मॉक टेस्ट का विकल्प चुनें।