डोनेशन लेने के मामले में भाजपा टॉप पर, कांग्रेस..सपा और आप से भी पीछे

आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 351.50 करोड़ का चंदा मिला है. कुल डोनेशन जो सभी पार्टियों को मिला है, वो 487.09 करोड़ बैठता है. ऐसे में अकेले बीजेपी के खाते में 72% चंदा गया है

Update: 2022-12-30 06:00 GMT

भारत के राजनीतिक दलों को  कितना चंदा मिलता है, कहां से मिलता है, कौन उन्हें देता है, ये वो सवाल हैं जो विवाद का विषय बन ही जाते हैं. लेकिन ADR की रिपोर्ट  में पता चल गया है कि किस पार्टी को कितना चंदा मिला है।

एक बार फिर ADR की तरफ से राजनीतिक पार्टियों के चंदे लेकर अहम जानकारी साझा की गई है. बताया गया है कि इस बार इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है, वहीं कांग्रेस का डोनेशन तो आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी से भी कम है।

जानिए क्या कहती है ADR की रिपोर्ट

आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 351.50 करोड़ का चंदा मिला है. कुल डोनेशन जो सभी पार्टियों को मिला है, वो 487.09 करोड़ बैठता है. ऐसे में अकेले बीजेपी के खाते में 72% चंदा गया है. कांग्रेस की बात करें तो उसे इस साल मात्र 18.44 करोड़ रुपये डोनेशन में मिले हैं, उससे ज्यादा सपा को 27 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 21.12 करोड़ मिले हैं. TRS को इस साल 40 करोड़ का चंदा मिला है, वहीं YSR कांग्रेस को 20 करोड़ मिले हैं. अन्य पार्टियों में अकाली को 7 करोड़, पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी को 1 करोड़, गोवा फॉरवर्ड पॉर्टी और डीएमके को 50 लाख मिले हैं।

जानिए किस जगह से कितना चंदा मिला

अब ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को जितना डोनेशन मिला है, वो 9 दूसरी पार्टियों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है. वहीं अकेले कांग्रेस की तुलना में तो बीजेपी को 19 प्रतिशत ज्यादा चंदा मिल गया है. ADR की रिपोर्ट से ये भी स्पष्ट हुआ है कि इलेक्टोरल ट्रस्ट को जितना डोनेशन मिला था, उसकी तरफ से 99.99 प्रतिशत सभी पार्टियों में बांट दिया गया. रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा Arcelor Mittal Nippon Steel India Ltd द्वारा दिया गया है. इस कंपनी ने 70 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है, दूसरे नंबर पर Acrelor Mittal Design है जिसने 60 करोड़ का चंदा दिया है. भारती एयरटेल ने भी 51 करोड़ रुपये का डोनेशन पार्टियों को दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्टोरल ट्रस्ट एक ऐसा संगठन है जिसे कॉरपोरेट और दूसरी कंपनियों से चंदा मिलता है, फिर वो उस चंदे को पार्टियों में बांटने का काम करता है।

Tags:    

Similar News