चीन के पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo से हटने का लिया फैसला, पोस्ट डिलीट कर चीन को जवाब

पीएम मोदी ने ये फैसला चीन के 59 ऐप्स को बैन करने के बाद लिया है.

Update: 2020-07-01 14:28 GMT

लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की करतूत के बाद भारत आर्थिक मोर्चे पर ड्रैगन को चोट पहुंचा रहा है. 59 चीनी ऐप्स को बैन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो से हटने का फैसला लिया है. पीएम मोदी साल 2015 में वीबो से जुड़े थे. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पीएम मोदी ने ये फैसला चीन के 59 ऐप्स को बैन करने के बाद लिया है.

एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि वीआईपी अकाउंट डिलीट करने की प्रक्रिया जटिल होती है. हालांकि, अकाउंट डिलीट करने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. चीन की तरफ से इसकी इजाजत दिए जाने में काफी देर की जा रही है और इसका कारण नहीं बताया गया है. पीएम मोदी ने इस पर 115 पोस्ट की हैं और इनमें से 113 को हटा दिया गया है.



बुधवार को पीएम मोदी के वीबो एकाउंट से उनकी प्रोफाइल फोटो समेत अन्य जानकारियां हटा दी गईं. पीएम मोदी का अकाउंट साल 2015 में बतौर प्रधानमंत्री उनके चीन के पहले दौरे के वक्त बनाया गया था. पीएम नें भारत और चीन के संबंध खासकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी बैठकों के बाद के संदेशों को इस पर देते रहे हैं. प्रधानमंत्री के वीबो एकाउंट पर पोस्ट्स चीनी भाषा में होती थी.

बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. इस घटना के बाद भारत ने चीन को सबक सिखाने की ठान ली है. भारत फिलहाल आर्थिक मोर्चे पर चीन को चोट पहुंचा रहा है. सोमवार को ही मोदी सरकार ने टिकटॉक, शेयरइट, हेलो, यूसी ब्राउजर और वीचैट समेत कुल 59 ऐप को बैन कर दिया.

वहीं, भारत अब सभी हाइवे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों को बैन करने की तैयारी कर रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी. चीनी कंपनियों को संयुक्त उद्यम पार्टनर (JV) के रूप में भी काम नहीं करने दिया जाएगा. इससे पहले रेलवे के कई ठेकों से चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया गया था.

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