भारत ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, 400 किमी. तक दुश्मन होगा ढेर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया

Update: 2020-09-30 10:36 GMT

चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी शक्तियों को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में बुधवार को देश को एक बड़ी कामयाबी मिली है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. ये इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण था, जिसकी रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई है.

DRDO के मुताबिक, इस टेस्ट को संस्था के PJ-10 प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है. बुधवार को इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया. जो भारत की सैन्य शक्ति में और अधिक मजबूती देने वाला प्रयोग है. इस मिसाइल में इस्तेमाल किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है. 



ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को भारत के DRDO और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है. जो कि वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर DRDO को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है.

बता दें कि ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है. 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था. अब भविष्य में सभी वॉर शिप में नए अपग्रेडशन की सुविधा के साथ इसे शामिल किया जाएगा.

इससे पहले भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, यानी अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. लद्दाख में चीन के साथ पिछले कुछ महीनों से जिस तरह की तनाव की स्थिति है, ऐसे वक्त में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को सकते में डाल सकता है. भारत लगातार देसी और विदेशी हथियारों से सेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है.

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