कोरोना वायरस की महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील हैं. नेपाल और भारत के नागरिक सीमाएं सील होने के कारण अपने देश नहीं लौट सके और वहीं फंस गए थे. एक-दूसरे के नागरिकों को दोनों देशों की ओर से सीमा पर ही क्वारनटीन किया गया था. 25 दिन तक सीमा पर क्वारनटीन किए जाने के बाद अब दोनों देशों के नागरिक अपने-अपने वतन लौट गए हैं.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से लगती नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली और नौतनवा सीमा क्षेत्र में बीते 25 दिनों से क्वारनटीन किए गए 212 नेपाली नागरिक और नेपाल सीमा में फंसे भारतीय नागरिकों में से 152 लोगों को वतन वापसी की सौगात मिली. जहां एक तरफ भारत से नेपाल जा रहे नेपाली नागरिकों ने भारत के क्वारनटीन सेंटर में बेहतर इंतजामात के लिए देश और प्रदेश की सरकार को धन्यवाद दिया. वहीं, भारतीयों ने सीमा में कदम रखते ही वतन की मिट्टी को चूम लिया और भारत माता की जय के नारे लगाए.
गौरतलब है कि कोरोना की महामारी को लेकर भारत सरकार ने 25 मार्च से लॉकडाउन लागू कर दिया था. भारत के ऐलान के बाद नेपाल की सरकार ने भी अपने देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था. इसके बाद भारत और नेपाल की सीमा सील कर दी गई थी. किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इसी बीच भारत के विभिन्न राज्यों में रोजगार के लिए रहने वाले नेपाल के नागरिक बड़ी संख्या में अपने देश लौटने लगे, लेकिन सोनौली सीमा सील होने के कारण वह बॉर्डर पर ही फंस गए.
वहीं, नेपाल गए भारतीय नागरिक भी फंस गए. भारतीय प्रशासन ने सभी नेपाली नागरिकों को सीमा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में बने क्वारनटीन सेंटरों में रखा और स्वास्थ्य की जांच कर रहने और खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध कराईं. लगभग 25 दिन बीत जाने के बाद नेपाली प्रशासन ने अपने नागरिकों को वापस स्वदेश बुलाने का निर्णय किया. नेपाली नागरिक नेपाल गए और वहां फंसे भारतीय नागरिक अपने वतन लौटे.