जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा में खाई में गिरे सेना के तीन जवान शहीद, बर्फीले इलाके में गश्त के दौरान हुआ हादसा
Jammu and Kashmir: Three army soldiers martyred after falling into a ditch in Kupwara, accident happened during patrolling in the snowy area
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आज बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. कुपवाड़ा जिले के नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास नियमित गश्त के दौरान गहरी खाई में गिरने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित तीन सैनिकों शहीद हो गए. भारतीय सेना ने हादसे के बारे में बताया कि ये लोग नियमित गश्त के दौरान हादसे का शिकार हो गए.
हादसे के बारे में भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास माछिल सेक्टर में एक गहरी खाई में फिसल जाने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और दो सैनिकों की मौत हो गई. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जेसीओ और दो अन्य जवान माछिल सेक्टर में नियमित गश्त पर थे, तभी तीनों फिसलकर खाई में गिर गए.
श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने ट्वीट किया, "अग्रिम क्षेत्र में एक नियमित गश्त अभियान के दौरान एक जेसीओ और दो अन्य जवान बर्फ में फिसलकर गहरी खाई में गिर गए. तीनों बहादुरों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं." इससे पहले माछिल सेक्टर में पिछले साल 18 नवंबर को भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था. हिमस्खलन की चपेट में आने से तब सेना के तीन जवानों की मौत हो गई थी. अधिकारियों का हादसे के बारे में कहना था कि सेना की 56 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के तीन सैनिक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आ गए.
यह हादसा तब हुआ जब माछिल सेक्टर में अपने एक साथी को इलाज के लिए ले जाने के दौरान भारतीय सेना के एक गश्ती दल के दो जवानों की मौत हो गई. घटना के बारे में श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमरोन मुसावी ने कहा कि गनर सौविक हाजरा ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में एक नियमित लिंक गश्त के दौरान सांस लेने में कठिनाई होने की शिकायत की. कर्नल मुसावी ने कहा कि प्रारंभिक स्वास्थ्य मूल्यांकन के बाद, सौविक को निकटतम चौकी पर ले जाने का निर्णय लिया गया. सौविक की निकासी के दौरान, गश्ती दल के कुछ जवान भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गए. उन्होंने कहा कि निकटतम चौकी से सैनिकों के साथ तुरंत खोजी और बचाव अभियान शुरू किया गया.
हाइपरथर्मिया से पीड़ित गनर सौविक हाजरा की हालत बिगड़ने लगी, इसके बाद सुबह करीब 10.30 बजे हवाई निकासी का अनुरोध किया गया. कर्नल मुसावी ने कहा कि सौविक को कुपवाड़ा के 168 सैन्य अस्पताल (एमएच) में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.