जन औषधि केंद्र पर इस महिला ने ऐसा क्या कहा कि भावुक हो गये पीएम मोदी, फिर दिये जवाब
शाह ने प्रधानमंत्री से कहा- 'मैंने ईश्वर तो नहीं देखा लेकिन आपको देखा है.' यह कहते हुए शाह का गला भर आया और प्रधानमंत्री भी भावुक दिखे.
नई दिल्ली। जनऔषधि दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनऔषधि केंद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किये। पीएम मोदी ने कहा कि "आप सभी को दूसरे जनऔषधि दिवस की बहुत-बहुत बधाई। आज हफ्तेभर से मनाए जा रहे जनऔषधि सप्ताह का भी आखिरी दिन है। इस प्रशंसनीय पहल के लिए भी बहुत-बहुत अभिनंदन। जनऔषधि दिवस सिर्फ एक योजना को सेलिब्रेट करने का दिन नहीं है, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों, लाखों परिवारों के साथ जुड़ने का दिन है, जिनको इस योजना से बहुत राहत मिली है।"
इस दौरान उत्तराखंड में दीपा शाह ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे उनके पैरालसिस के इलाज के लिए जहां पहले 5,000 रुपये लगते थे अब सिर्फ 1500 रुपए में दवाएं मिल जाती हैं. अपने बारे में बताते हुए शाह भावुक हो गईं. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा- 'मैंने ईश्वर तो नहीं देखा लेकिन आपको देखा है.' यह कहते हुए शाह का गला भर आया और प्रधानमंत्री भी भावुक दिखे.
शाह के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा- 'कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनरिक दवाएं ही लिखें, ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है. मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें. इससे जनऔषधि का लाभ ज्यादा मरीज़ों तक पहुंच सकेगा. भारत की बनी जेनरिक दवाओं की पूरी दुनिया में डिमांड है. सरकार ने हर अस्पताल के लिए जेनरिक दवाएं लिखना ज़रूरी कर दिया है.
'पीएम ने कहा, 'ये दवाएं दुनियाभर के बाजार में उपलब्ध किसी भी दवाई से ज़रा भी कम नहीं है. ये दवाएं बेहतरीन लैब्स से सर्टिफाइड होती हैं, हर प्रकार की सख्त जांच से निकले दवा निर्माताओं से खरीदी जाती हैं।
हालांकि इससे पहले उन्होंने कहा कि "हर भारतवासी के स्वास्थ्य के लिए हम चार सूत्रों पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना यानी पीएम-बीजेपी, इसी की एक अहम कड़ी है। ये देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है। मुझे बहुत संतोष है कि अब तक 6 हजार से अधिक जनऔषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं।"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस योजना की वजह से पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है। मुझे बताया गया है कि अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपये की बचत जनऔषधि केंद्रों के कारण हुई है। आप सभी प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। आपके इस काम को पहचान दिलाने के लिए सरकार ने इस योजना से जुड़े पुरस्कारों की शुरुआत करने का भी फैसला लिया है।
पीएम ने कहा, जैसे-जैसे ये नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने एक करोड़ से अधिक परिवार इन जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं।