जानिए कब से शुरू होगा सूतक काल और कब होगा खत्म, यहाँ देखें सूर्यग्रहण से जुडी सारी बातें

बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी इस ग्रहण को नंगी आंख से न देखें। नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर ग्लास वाले चश्में का इस्तेमाल करें।

Update: 2020-06-20 13:31 GMT

साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है। खास बात ये हैं कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 98.8% भाग ढक देगा। 21 जून यानी कल रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल आज रात 09:15 बजे से शुरू हो जाएगा। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग सूतक काल मानते हैं। इस दौरान पूजा घर और मंदिरों के पट बंद रहते हैं। लोग ग्रहण सूतककाल से पहले ही अपने देवी देवताओं की पूजा करके उनके पट (गेट) बंद कर देते हैं। इसके बाद ग्रहण सूतककाल समाप्त होने पर लोग फिर मंदिर और पूजा घरों को खोलते हैं, मूर्तियों में गंगाजल छिड़कर उन्हें पवित्र करते हैँ और विधिवित पूजा पाठ पहले की तरह शुरू करते हैं।

सूर्य ग्रहण का समय

21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ण ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10:20 बजे के करीब होगी। ग्रहण दोपहर 12:02 बजे अपने पूर्ण प्रभाव में होगा और इसकी समाप्ति दोपहर 01:49 बजे होगी। देश के अन्य शहरों में ग्रहण के समय में कुछ अंतर देखने को मिल सकता है।

क्या है ग्रहण सूतककाल, कब से लगेगा

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, किसी भी पूर्ण ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और ग्रहण के 12 घंटे बाद का समय ग्रहण सूतककाल कहलाता है। मान्यता है कि इस दौरान मंदिरों में पूजा पाठ या कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। सूतककाल समाप्त होने के बाद ही मंदिर खुलते हैं और लोग पूजा अनुष्ठान शुरू करते हैं। इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। जिसकी शुरुआत ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले हो जाएगी। सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से लग जाएगा।

यहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा। वहीं भारत में देहरादून, सिरसा अथवा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर है जहां पर लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे। देश के अन्य हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

क्‍या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी। जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा। साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देता है।

खुली आंखों से न देखें ग्रहण

चंद्रमा की तरह सूर्य ग्रहण खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इसका बुरा असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्‍ट करके करके उचित फिल्टर का उपयोग करके देखा जा सकता है।

ग्रहण देखते समय बरतें सावधानी

यूं तो चांद का ज्यादातर हिस्सा छिप जाएगा लेकिन फिर भी इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोलर व्यूइंग ग्लासेज (Solar viewing glasses) या टेलिस्कोप-दूरबीन जैसे स्पेशल फिल्टर्स का इस्तेमाल करना चाहिए। सूरज को सीधे देखने से आंखों का पर्दा खराब हो सकता है और हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जा सकती है।

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी-

भारतीय मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक यानी ग्रहणकाल (21 जून को 09:15AM से 03:04PM तक) में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। घर के बुजुर्गों की सलाह के अनुसार ही जरूरी उपाय अपनाएं। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। हालांकि मन में किसी प्रकार का भय या चिंता नहीं रखनी चाहिए। ग्रहण वाले दिन को भी आम दिनों की तरह एक सामान्य दिन मानना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के दौरान ध्यान रखें ये बातें-

बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी इस ग्रहण को नंगी आंख से न देखें। नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर ग्लास वाले चश्में का इस्तेमाल करें।

यह भी सलाह है कि घर के बनाए जुगाड़ वाले चश्मे या किसी लेंस से सूर्य ग्रहण न देखें। इससे आपकी आंख पर बुरा असर हो सकता है।

ग्रहण के वक्त आकाश की ओर देखने से पहले सोलर फिल्टर चश्मा लगाएं और नजर नीचे करने के बाद या ग्रहण समाप्त होने के बाद ही इसे हटाएं।

एक अमेरिकी संस्था के अनुसार, ग्रहण के वक्त कार/अन्य वाहन न चलाएं।

लेकिन यदि कोई ग्रहण के वक्त रास्ते में ही है तो वह अपने वाहन की हेडलाइट जलाकर और अन्य वाहनों से कुछ दूरी बनाकर ही वाहन चलाए। ड्राइविंग में विशेष सावधानी बरतने की हिदायत है।

बच्चों को यदि ग्रहण दिखाने का प्लान बना रहे हैं तो उनकी आखों को बचाने वाले सोलर फिल्टर चश्मे की व्यवस्था जरूर कर लें। 

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