इलाहाबाद हाईकोर्ट को लेकर फिर हुआ वायरल लेटर, दूसरी बार फिर निकला लेटर बम
Letter regarding Allahabad High Court goes viral again, letter bomb goes out for the second time
उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट को लेकर एक पत्र फिर वायरल होने की चर्चा तेज हुई है। इस पत्र में एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस पर फिर एक बड़ा आरोप लगाया गया है। इस लेटर पर इलाहबाद के एक अधिवक्ता का नाम और पता दर्ज किया गया है।
इस लेटर में कई करोड़ रुपये लेन देन की बात लिखी गई है लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि भी नहीं हो रही है। जबकि लगातार लेटर वायरल होने से सवाल खड़ा जरूर हो रहा है। इस बातों को लेकर एक बार फिर से चर्चा होनी शुरू हो गई है।
अधिवक्ता का पत्र अफसरशाही और अधिवक्ताओं मे चर्चा का विषय बना हुआ था कि तब तक एक और लेटर वायरल हो गया है। इस लेटर में जिस अधिवक्ता का नाम दर्ज है उनसे बात की तो उन्होंने असहमति भी जताई। उनका कहना है कि यह पत्र बारबार क्यों सामने आ रहा है जबकि मैंने इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा है। लेकिन बार बार पत्र वायरल होने से सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। इस पूरे खेल के पीछे कौन है यह सवाल बना हुआ है। इतना ही नहीं जब एक इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर का मंगलवार 30 नबंबर की आखिरी कार्य दिवस था।
न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने विदाई समारोह के भाषण में पूर्व CJI पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से उनका ट्रांसफर सिर्फ और सिर्फ उन्हें परेशान करने की मंशा से किया गया था। बता दें, तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने उनका ट्रांसफर किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को जस्टिस दिवाकर की सेवानिवृत्ति पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया था। इसमें जस्टिस दिवाकर ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके स्थानांतरण का आदेश गलत इरादे से जारी किया गया। ऐसे मौके पर किसी न्यायाधीश द्वारा ऐसी टिप्पणी करना असामान्य है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता के नाम से पहले हुए वायरल लेटर में पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है मुख्य न्यायमूर्ति ने किस तरह से बड़े माफियाओं और व्यापरियों को फायदा पहुँचाया है, इसके साथ ही उन्होंने शिकायत मे लिखा है कि किस तरह से न्यायिक अधिकारियों के तबादले मे पैसे का लेनदेन हुआ है। पत्र में आरोप लगाते है कि एक बड़े जिले के जिला जज जिनके खिलाफ जाँच चल रही थी, मुख्य न्यायाधीश ने जाँच खत्म कर उनका नाम की हाई कोर्ट जज के लिए सिफारिश भी कर दी।
अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश पर पैसे लेकर कुछ लोगों के नाम ही हाई कोर्ट जज की सिफारिश करने का भी आरोप लगाया है। अधिवक्ता का पत्र अफसरशाही और अधिवक्ताओं मे चर्चा का विषय बना हुआ था ।मुख्य न्यायाधीश दिवाकर के अपने विदाई समारोह में पूर्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर भी आरोप लगाया था कि किस तरह से उन्हें छतीसगढ़ से इलाहाबाद भेजने की कौशिश की गई।