मोदी सरकार का बड़ा एक्शन: 6 YouTube चैनल को किया बैन, देखिए- लिस्ट

पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने झूठी खबरों के खिलाफ अभियान चलाकर इनके नामों का खुलासा किया है।

Update: 2023-01-12 10:50 GMT

केंद्र सरकार (Central Government) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध (6 youtube channels banned) लगा दिया है। इन चैलेंज पर झूठ फैलाने का आरोप है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) के मुताबिक ये सभी चैनलों पर फेक न्यूज चलाई जा रही थी और लोगों को गुमराह किया जा रहा था। गुमराह करने के लिए प्रमुख टीवी चैनलों के एंकरों के नकली, क्लिकबेट और नकली थंबनेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी।

इस बार 6 यूट्यूब चैनल्स पर कार्रवाई की गई है, जिनके कुल सब्सक्राइबर्स 20 लाख से ज्यादा थे और व्यूज 51 करोड़ से ज्यादा थे। पीआईबी की फैक्ट चेक टीम (Fact Check Team) ने इन यूट्यूब चैनलों (YouTube Channels) पर फर्जी खबरों (Fake News) का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने इन्हें बैन करने का फैसला किया है।

पीआईबी की फैक्ट चेक टीम (PIB Fact Check Team) ने फेक न्यूज से कमाई करने वाले 6 चैनलों के 100 से ज्यादा वीडियोज की फैक्ट चेक की और पाया कि ये सभी वीडियो फर्जी खबरों पर आधारित थे। इन चैनलों ने फेक न्यूज के वीडियो के सहारे 51 करोड़ से ज्यादा व्यूज बटोरे थे। 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले इन चैनलों ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और चुनाव आयोग से जुड़ी झूठी खबरें अपने वीडियो में परोसी थीं।

इन चैनलों में संवाद टीवी (10.9 लाख सब्सक्राइबर्स), नेशन टीवी (5.57 लाख सब्सक्राइबर्स), संवाद समाचार (3.49 लाख सब्सक्राइबर्स), सरोकार भारत (21 हजार सब्सक्राइबर्स), नेशन 24 (25 हजार सब्सक्राइबर्स) और स्वर्णिम भारत (6 हजार सब्सक्राइबर्स) का नाम शामिल है जो फर्जी खबरें चला रहे थे। पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक, संवाद टीवी नाम का एक यूट्यूब चैनल अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत सरकार और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने के लिए कर रहा था।

पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने झूठी खबरों के खिलाफ अभियान चलाकर इनके नामों का खुलासा किया है। यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत की गई है। बता दें कि साल 2023 में यूट्यूब चैनल पर की जाने वाली यह पहली कार्रवाई है। इससे पहले सरकार ने वर्ष 2009 से 2022 तक 30,417 वेबसाइटों, यूआरएल, वेबपेजों और सोशल मीडिया पोस्ट के साथ सोशल मीडिया अकाउंट को भी ब्लॉक किया है।

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