Mughal Garden : जानिए- मुगल गार्डन का क्या है इतिहास, क्यों है खास, अंग्रेजों ने बनवाया, अब 'अमृत उद्यान' के नाम से जाना जाएगा
मुगल गार्डन का नाम बदल कर अमृत उद्यान कर दिया है।यह गार्डन देशी-विदेशी फूलों का शानदार बाग है
Mughal Garden History : मुगल गार्डन का नाम बदल कर अमृत उद्यान (Amrit Udyan) कर दिया है। मुगल गार्डन दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के परिसर में स्थित है। यह गार्डन देशी-विदेशी फूलों का शानदार बाग है। यहां ट्यूलिप, गुलाब, समेत किस्म-किस्म के फूलों की प्रजातियां हैं। यहां 15 एकड़ में फैला हुआ है। इसे भारतीय संस्कृति और मुगलशैली में बनाया गया। आइए जानते हैं। मुगल गार्डन का इतिहास क्या है?
ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ मुगल गार्डन (Mughal Garden) का निर्माण
मुगल गार्डन के नाम से पता चलता है कि इसे मुगल शासकों ने बनवाया होगा। लेकिन ऐसा नहीं है इस गार्डन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था। जब भारत पर अंग्रेजों शासन हुआ तो देश की राजधानी कोलकाता थी। 1911 में भारत की राजधानी दिल्ली शिफ्ट हो गई। दिल्ली में वायसराय हाउस का निर्माण किया गया। आजादी के बाद यह हाउस राष्ट्रपति भवन बन गया। इस भवन का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडिवन लूटियंस ने तैयार किया। इंग्लैंड से भारत आने के बाद सर एडविन लूटियंस ने मुगल गार्डन का नक्शा बनाया। 1917 में मुगल गार्डन के डिजाइन तैयार किया गया। यह गार्डन 1928 में बनकर तैयार हुआ।
चार हिस्सों में बांटा है मुगल गार्डन (Mughal Garden)
वायसराय हाउस यानी राष्ट्रपति भवन रायसीना की पहाड़ी पर बनाया गया। यहां अंग्रेजी शासक ने वायसराय के लिए फूलों का बाग बनवाया। मुगल गार्डन अपने तरह का अकेला ऐसा गार्डन है जहां दुनिया भर के रंग-बिरंगे फूल देखने के मिलते हैं। मुगल गार्डन को चार हिस्सों में बांटा गया है। चतुर्भुजकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान।