अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी को खरीदेंगे मुकेश अंबानी, 3720 करोड़ रूपए जमा किए

उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए 3720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

Update: 2022-12-22 15:45 GMT

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी  की अगुवाई वाली प्रमुख टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो  ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की कर्ज में डुबी रिलायंस इन्फ्राटेल (RITL) को अधिग्रहण करेगी। रिलायंस जियो की सहायक कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज ने रिलायंस इन्फ्राटेल के मोबाइल टावर और फाइबर संपत्ति को टेकओवर करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के एस्क्रो खाते में ₹3720 करोड़ जमा कराए हैं। बता दें कि यह कदम पिछले महीने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मंजूरी और जारी निर्देशों के बाद उठाया गया है।

2019 में ही लगाई थी बोली

जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 6 नवंबर को एस्क्रो खाते में 3720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था। बता दें कि रिलायंस इन्फ्राटेल दरअसल दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही है। उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए 3720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

इतने मोबाइल टॉवर हैं 

ऋणदाताओं की समिति ने जियो की समाधान योजना को चार मार्च 2020 को शत प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दे दी थी। आरआईटीएल के पास देश भर में लगभग 1.78 लाख रूट किलोमीटर की फाइबर संपत्ति और 43540 मोबाइल टावर है।

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