Nand Kishore Yadav: कौन हैं नंदकिशोर यादव, जो बनेंगे बिहार विधानसभा के अगले स्पीकर, कल करेंगे नामांकन

Nand Kishore Yadav: नीतीश सरकार ने बिहार विधानसभा मेंविश्वास मत हासिल कर लिया है। जहांसरकार के पक्ष में 129 तो वहीं विपक्ष को एक भी वोट नहीं मिला। मंगलवार कोबिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के लिएबीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव नॉमिनेशन करेंगे।

Update: 2024-02-12 15:27 GMT

Nand Kishore Yadav: नीतीश सरकार ने बिहार विधानसभा मेंविश्वास मत हासिल कर लिया है। जहांसरकार के पक्ष में 129 तो वहीं विपक्ष को एक भी वोट नहीं मिला। मंगलवार कोबिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के लिएबीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव नॉमिनेशन करेंगे। इससे पहले अवध बिहारी चौधरी महागठबंधन की सरकार में स्पीकर थे। लेकिन नीतीश कुमार का अगुवाई में बनी नई सरकार के गठन के बाद उनको स्पीकर के पद से हटाने के लिए पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसके बाद सदन दोबारा शुरू होते ही वोटिंग कराई गई।

आपको बता दें कि, वहीं अब बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव कल सुबह 10:30 बजे के करीब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे।नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफरनामा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद शुरू हुआ था।नंदकिशोर यादव 7 बार पटना साहिब क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं, साथ ही उन्होंने लंबे वक्त तक पथ निर्माण मंत्री का विभाग संभाला है। बते दें, नंदकिशोर यादव स्वास्थ्य मंत्री, पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं। वह सदन में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका भी निभा चुके हैं। इसरे साथ वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

7 बार चुने जा चुके हैं विधायक

नंदकिशोर यादवने अपनी यात्रा पटना नगर निगम का पार्षद चुने जाने से की थ। केवल भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्किइसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न पदों का सफल निर्वहन करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तक पहुंचना उनकी कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता का प्रमाण है। आपको बता दें नंदकिशोर यादव7 बार पटना साहिब क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।

छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं

26 अगस्त 1953 को नंद किशोर यादव का जन्महुआ।उनके पिता का नाम स्व. पन्ना लाल यादव और मां का नाम स्व. राजकुमारी यादव हैं। नंद किशोर यादव के परदादा एक समय के महशूर जमींदार थे। नंद किशोर यादव को हमेशा से शेर पालने का शौक था। वहीं उवके दादास्व. रामदास यादव को पक्षी पालने का शौक था। अक्सर नंद किशोर यादव कहते हैं कि हन शेर सेचिड़ियों पर आ गये। उन्होंने दसवीं के बाद स्नातक की पढ़ाई शुरू की थी लेकिन बीच में छोड़नी पड़ी। छात्र जीवन से ही वह राजनीति में सक्रिय हुए।

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