नासा की 'अनीता' ने खोजा दूसरा ब्रह्मांड, यहां उल्टा चलता है समय!

लेकिन ANITA से ऐसे न्यूट्रीनॉस पता चले जो पृथ्वी से ऊपर की तरफ आ रहे थे. यानी ये कण समय में पीछे की तरफ चल रहे हैं. जो सामानांतर ब्रह्मांड की थ्योरी को सही साबित करते हैं.

Update: 2020-05-22 07:15 GMT

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Universe) की खोज की है. यानी हमारे ब्रह्मांड के पड़ोस में एक और यूनिवर्स है. लेकिन यहां पर समय उल्टा चलता है. पैरेलल यूनिवर्स को लेकर अंटार्कटिका में एक शोध किया गया. इसी के आधार पर नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने एक और ब्रह्मांड खोज लिया है. 

कई वैज्ञानिक इस पर लंबे समय से काम कर रहे हैं. कुछ वैज्ञानिक इससे सहमत नहीं है. अंटार्कटिका में वैज्ञानिकों के प्रयोग ने दूसरे ब्रह्मांड की बात को सही साबित करने की कोशिश की है. वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक इम्पलसिव ट्रांसिएंट एंटीना (Antarctic Impulsive Transient Antenna - ANITA) को एक विशाल बैलून के जरिए ऊंचाई तक पहुंचाया. 

इस बैलून के इतनी ऊंचाई पर पहुंचाया गया जहां हवा सूखी है. रेडियो नॉइज नहीं होता. आउटर स्पेस से पृथ्वी पर हाई एनर्जी पार्टिकल्स आते रहते हैं जो यहां की तुलना में कई लाख गुना ज्यादा ताकतवर होते हैं. हाई-एनर्जी वाले कण को केवल आउटर स्पेस से सिर्फ नीचे आते वक्त ही पता किया जा सकता है. लेकिन ANITA से ऐसे न्यूट्रीनॉस पता चले जो पृथ्वी से ऊपर की तरफ आ रहे थे. यानी ये कण समय में पीछे की तरफ चल रहे हैं. जो सामानांतर ब्रह्मांड की थ्योरी को सही साबित करते हैं. 

जिन कणों का वजन शून्य के करीब होता है और जो लो-एनर्जी के होते हैं जैसे- सब एटॉमिक न्यूट्रीनॉस (neutrinos). ये बिना किसी कण से टकराए पृथ्वी के आर-पार हो जाते हैं. लेकिन हाई एनर्जी कण पृथ्वी के सॉलिड मैटर से टकरा कर रुक जाते हैं.

क्या दो ब्रह्मांड हैं? वैज्ञानिकों ने बताया कि 13.8 बिलियन साल पहले बिंग-बैंग के समय में दो ब्रह्मांड बने थे. एक वो जिसमें हम रहते हैं. दूसरा वो जो हमारे हिसाब से पीछे की ओर जा रहा है. यानी वहां समय उल्टा चल रहा है. एक से ज्यादा यूनिवर्स की थ्योरी सालों पुरानी है. इस ब्रह्मांड में जैसी धरती है वैसे ही दूसरे यूनिवर्स में भी पृथ्वी होगी. कई ब्रह्मांडों को लेकर वैज्ञानिकों के बीच पांच तरह की थ्योरी हैं. इनमें बिग बैंग के अलावा भी एक थ्योरी है जो कहती है कि ब्लैक होल की घटना के ठीक उलट प्रक्रिया से नए यूनिवर्स पैदा हुए. एक और थ्योरी कहती है कि बड़े यूनिवर्स से दूसरे छोटे यूनिवर्स पैदा हुए.

दुनिया के प्रख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की आखिरी रिसर्च कई ब्रह्मांडों को लेकर थी. यानी हमारे यूनिवर्स के अलावा कई अन्‍य यूनिवर्स मौजूद हैं. मई 2018 में उनका ये पेपर पब्लिश हुआ था. हॉकिंग की थ्योरी के मुताबिक कई यूनिवर्स ठीक हमारे जैसे हो सकते हैं जिनमें धरती जैसे ग्रह होंगे. ग्रह ही नहीं हमारे जैसे समाज और लोग भी हो सकते हैं. कुछ ब्रह्मांड ऐसे भी होंगे जिनके ग्रह धरती से बिलकुल अलग होंगे, वहां सूर्य या तारे नहीं होंगे लेकिन भैतिकी के नियम हमारे जैसे ही होंगे. 

Tags:    

Similar News