पद्मश्री डॉक्टर रवींद्र नारायण सिंह चुने गए विश्व हिंदू परिषद के नए अध्यक्ष, संगठन में हुए अहम बदलाव
विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंधन समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन संगठन में कई बदलाव किए गए हैं.
नई दिल्ली : देश के प्रमुख सर्जन और पद्मश्री डॉक्टर रवींद्र नारायण सिंह (R.N Singh) को विश्व हिंदू परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया है. फरीदाबाद के मानव रचना विश्वविद्यालय के सभागार में शनिवार को आयोजित वीएचपी की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया. विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है. विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंधन समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन संगठन में कई बदलाव किए गए हैं.
मिलिंद परांडे दोबारा केंद्रीय महामंत्री चुने गए
विहिप में केंद्रीय उपाध्यक्ष रहे पद्मश्री रवींद्र नारायण सिंह को केंद्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही मिलिंद परांडे दोबारा केंद्रीय महामंत्री चुने गए. जबकि आलोक कुमार को कार्यकारी अध्यक्ष और चंपत रात केंद्रीय उपाध्यक्ष बने रहेंगे. संगठन के कई सचिवों के दायित्वों में भी परिवर्तन किया गया है. जगन्नाथ शाही अब केंद्रीय सत्संग और धर्माचार्य टोली की जिम्मेदारी संभालेंगे. पूर्व न्यायाधीश विष्णु नारायण कोकजे भी केंद्रीय टोली के सदस्य रहकर अपने दायित्वों का निर्वाह करेंगे.
केंद्रीय प्रबंधन समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन संगठन के संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा कि हरियाणा का मेवात जो कभी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्थान रहा है, आज दुर्भाग्य से जेहादी षड़यंत्रों से त्रस्त होकर अपना चरित्र खो रहा है. मेवात में महाभारत कालीन कई तीर्थस्थल हैं, लेकिन आज वहां पर हिंदुओं के मंदिरों पर जिहादियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है.
मेवात में हिंदुओं का जीना मुश्किल: सुरेंद्र जैन
सुरेंद्र जैन ने कहा कि वहां के कई मंदिरों में हिंदू प्रवेश नहीं कर सकता. वह स्थान जो बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ से हिंदू बहुल था आज धर्मांतरण के कुचक्र के कारण मुस्लिम बहुल बन गया है और वहां हिंदू का जीना दूभर हो गया है. जेहादी तत्व अनियंत्रित होकर हिंदुओं पर अत्याचार करते हैं. हिंदू महिलाओं के अपहरण और छेड़खानी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. हरियाणा में गो हत्या प्रतिबंधित होने के बावजूद वहां पर खुलेआम ऐसे कृत्य हो रहे हैं.
कोरोना समेत कई मुद्दों पर हो रही है चर्चा
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद में हर तीन साल के बाद चुनाव होता है. विहिप की दो दिवसीय बैठक में लगभग 275 पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. इस बैठक में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की पूर्व तैयारियों, मतांतरण के खिलाफ केंद्रीय कानून, मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति और बंगाल हिंसा समेत गई मुद्दों पर चर्चा हो रही है.